खरीफ और चुनौतियां
भारतीय कृषि मानसून की दासी है उसके बुने तानों-बानों पर ही उसे चलना है जैसा उसका बजाना वैसा ही कृषि को गाना है यह बात सर्वविदित है। वर्ष 2015 का मानसून आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होगा।
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंभारतीय कृषि मानसून की दासी है उसके बुने तानों-बानों पर ही उसे चलना है जैसा उसका बजाना वैसा ही कृषि को गाना है यह बात सर्वविदित है। वर्ष 2015 का मानसून आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होगा।
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंसोयाबीन मध्यप्रदेश में सोयाबीन का क्षेत्रफल पूरे देश के क्षेत्र का 80 प्रतिशत है तथा उत्पादकता 5 दशक से केवल 1 टन प्रति हैक्टेयर के आसपास ही रहती है। उत्पादन में स्थिरता का एक प्रमुख कारण प्रदेश में लगातार सोयाबीन-गेहूं
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंधान के पोषण में विभिन्न पोषक तत्वों की भूमिका नाइट्रोजन धान की नाइट्रोजन आवश्यकता बहुत अधिक है। फसल लगभग पकने के समय तक नाइट्रोजन चाहती है फिर भी कल्ले बनने की अवस्था में नाइट्रोजन की मांग विशेष अधिक रहती है।
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंसोयाबीन की उन्नत उत्पादन तकनीक बुवाई के समय किये जाने वाले कार्य:- सोयाबीन बीज- विभिन्न जातियों के बीज आकार के हिसाब से उपयोग करना चाहिये। छोटे दाने वाले सोयाबीन की किस्मों (जे. एस. 97-52) की बीजदर 60-70 कि.ग्रा., मध्यम दाने वाली
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंधान रोपाई के परंपरागत तरीकों में बीज को नर्सरी में बोया जाता है फिर पौधे को धीरे से निकाल कर साफ करके गुच्छा बनाकर जुताई किए गए मिट्टी में बोया जाता है। हाथ से रोपाई करने का काम बहुत मुश्किल
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंसघन खेती एवं असंतुुलित उर्वरक उपयोग के कारण कृषि भूमि में पोषक तत्वों की उपलब्ध मात्रा में कमी एवं असंतुलन की स्थिति उत्पन्न होती जा रही है, फलस्वरूप भूमि की उर्वरता एवं उत्पादकता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इस
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंपिछले दो वर्ष की तरह इस बार भी बेमौसम बरसात, तेज हवा और ओले पडऩा देखा गया है इस बार मध्यप्रदेश में 2000 गाँव में फसलों पर प्रभाव पडा है। जिससे 10 से 12000 फसलों का नुकसान होने की आशंका
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंतिलहनी फसलों में तिल का प्रमुख स्थान है इसकी खेती खरीफ एवं रबी मौसम में की जाती है। भूमि का चुनाव – खेती अच्छे जल निकास वाली सभी प्रकार की भूमि में की जा सकती है रेतीली, दोमट भूमि अधिक
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंसमस्या – मैं धान के खेत में नीलहरित काई का उपयोग करना चाहता हूं कृपया तरीका बतलायें। – पवन कुमार,मासौद समाधान-धान के खेत में डाली गई रसायनिक उर्वरकों की मात्रा का केवल 30-40 प्रतिशत ही पौधों को प्राप्त हो पाता
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंहमारे देश का करीब 20 प्रतिशत क्षेत्र आदिवासी जनजातियों का है, आदिवासी क्षेत्रों में रामतिल, मुख्य खरीफ के रूप में उगाई जाती है इसे क्षेत्रों में जगनी भी कहा जाता है, इसके तेल की विशेषता यह है कि इसमें 25
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