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फसल गिरदावरी एप्लीकेशन का नया संस्करण – एप्लीकेशन में डाटा बैकअप एवं रिस्टोर की होगी व्यवस्था

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भोपाल। फसल गिरदावरी एप्लीकेशन संस्कररण 2.0 में मास्टर्स ट्रेनर्स, जिलों से प्राप्त सुझावों एवं राजस्व अधिकारियों के साथ बैठक के लिए निर्णय के आधार पर वर्तमान फीचर में परिवर्तन करने के साथ ही कुछ नए फीचर जोड़े गए हैं। फसल गिरदावरी एप्लीकेशन में निजी के अतिरिक्त शासकीय तथा संस्थागत भूमि के खसरों से संबंधित गिरदावरी करने के लिए इनके खसरे भी जोड़े गए हैं।भोपाल। फसल गिरदावरी एप्लीकेशन संस्कररण 2.0 में मास्टर्स ट्रेनर्स, जिलों से प्राप्त सुझावों एवं राजस्व अधिकारियों के साथ बैठक के लिए निर्णय के आधार पर वर्तमान फीचर में परिवर्तन करने के साथ ही कुछ नए फीचर जोड़े गए हैं। फसल गिरदावरी एप्लीकेशन में निजी के अतिरिक्त शासकीय तथा संस्थागत भूमि के खसरों से संबंधित गिरदावरी करने के लिए इनके खसरे भी जोड़े गए हैं।साथ ही खातों से संबंधित सूची को भूमि प्रकार जैसे निजी, शासकीय तथा संस्था के आधार पर फिल्टर करने की सुविधा भी जोड़ी गई है। अब फसल जोडऩे के लिए ग्राम के चयन के उपरांत एप्लीकेशन यूजर को चुने गए भूमि प्रकार के आधार पर खातों तथा खसरों की सूची उपलब्ध कराएगा। एप्लीकेशन के इस संस्करण में खातों की सूची को नामवार तथा खसरावार के क्रम में दर्शाने की भी व्यवस्था जोड़ी गई है।

सभी सहखातेदारों की फसल की होगी एकजाई प्रविष्टि – इसी प्रकार एक ही खसरे में एक से अधिक खातेदार होने की स्थिति में पूर्व के एप्लीकेशन में प्रत्येक खातेदार के लिए अलग प्रविष्टि करनी पड़ती थी। भू-अभिलेख के वर्तमान एप्लीकेशन में प्रत्येक खातेदार का रकबा अलग-अलग नहीं होने से इस एप्लीकेशन में सभी खातेदार के साथ पूरा रकबा आता था। एप्लीकेशन के नए संस्करण में सहखातेदारों की स्थिति में प्रविष्टि खसरे के विरुद्ध होगी। जिससे यदि एक खसरे में एक से अधिक लोगों के नाम हैं तो केवल एक व्यक्ति का ही मोबाइल नंबर दर्ज होगा तथा सभी सहखातेदारों द्वारा लगाई गई फसल की एकजाई प्रविष्टि होगी।

सिंचाई के साधन जोडऩे की व्यवस्था – फसल गिरदावरी एप्लीकेशन में गैर-कृषि उपयोग के अंतर्गत सीजन में रिक्त भूमि को जोडऩे की व्यवस्था की गई है। इससे ऐसे भूमि जिसमें वर्तमान सीजन में तो कोई फसल नहीं बोई गई है परन्तु आने वाले सीजन में इसमें बोवाई होगी, की प्रविष्टि की जा सकेगी। फसल सिंचाई के साधन कुआं, नलकूप, तालाब आदि को जोडऩे की व्यवस्था बनाई गई है। शासकीय एवं संस्था के खसरों में अतिक्रमण की जानकारी को दर्ज करने की व्यवस्था भी बनाई गई है।

कृषि अयोग्य भूमि को जोडऩे की व्यवस्था – इसी प्रकार कृषि अयोग्य भूमि जैसे पहाड़, चट्टान, खदान आदि को जोडऩे की भी व्यवस्था की गई है। फसलों की सूची को वर्तमान एनआईसी एप्लीकेशन में दर्ज फसलों के मास्टर के अनुसार वृहद किया गया है। मिश्रित फसलों की प्रविष्टि मध्यप्रदेश में प्रमुख फसलों के क्षेत्रफल तथा उत्पादन के अनुमान समय पर भेजने की योजना टी.आर.एस. के अनुदेशों के अनुरूप प्रमुख फसल मिश्रण एवं उनके अनुपात दी गई सूची अनुसार करने की व्यवस्था की जा रही है। जिससे मिश्रित या अंतरवर्तीय फसलों के लिए अलग-अलग फसलों की प्रविष्टि नहीं करनी होगी।

डाटा बैकअप एवं रिस्टोर की व्यवस्था – एक बार पटवारी का पंजीकरण होने के उपरांत हल्का परिवर्तन की व्यवस्था तहसील लॉग-इन पर उपलब्ध कराई गई है। डाटा बैकअप एवं रिस्टोर करने के लिए भी व्यवस्था दी गई है। एक खाते के समस्त खसरे का डाटा भर देने पर अपलोड की व्यवस्था उसी पृष्ठ पर भी दे दी गई है जिससे मुख्य स्क्रीन पर आकर डाटा अपलोड स्क्रीन पर जाने की जरूरत नहीं होगी। मास्टर डाटा सिंक्रोनाइजेशन के लिए अलग से व्यवस्था दी गई है ताकि हल्का परिवर्तन या फसल संबंधी जानकारी बदलने पर नवीन मास्टर्स एप्लीकेशन को पुन: इंस्टालेशन न करना पड़े।

एप्लीकेशन के लिए बनाई गई है हेल्प डेस्क – फसल गिरदावरी एप्लीकेशन के लिए राज्य स्तर पर हेल्प डेस्क बनाई गई जिसका दूरभाष क्रमांक 0755-2527367 है। इसके अतिरिक्त अपनी समस्या ईमेल श्चष्.द्दद्बह्य.द्वड्डश्चद्बह्लञ्चद्दद्वड्डद्बद्य.ष्शद्व पर भी भेज सकते हैं। एप्लीकेशन का वेब इंटरफेस द्धह्लह्लश्च://द्वश्च.द्दश1.द्बठ्ठ/द्दद्बह्म्स्रड्ड1ड्डह्म्द्ब से एक्सेस किया जा सकता है। जिसमें सभी हेल्प मेन्युअल, गाइडलाइन, वीडियो ट्यूटोरयिल के साथ पंजीकरण एवं प्रगति की रिपोर्ट बिना लॉग इन के उपलब्ध है। इसी इंटरफेस का उपयोग कर तहसील कार्यालय द्वारा लॉगइन उपरांत पटवारियों का एक्टीवेशन किया जा सकेगा।

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