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जैविक खेती में मिसाल बनी मानकुंवर बाई

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देवास। आज के आधुनिक युग में महिलाओं ने प्रदेश में नाम रोशन किया। ऐसी ही एक महिला जिले के ग्राम चुरलाय की मानकुंवर बाई राजपूत है। कृषक मानकुंवरबाई राजपूत जैविक व मॉडल खेती करके मिसाल बन गई है। उन्होंने गांव में गरीब बच्चों को अपने खर्च से गणवेश सहित चरण पादुका वितरित की और आवश्यक सामग्री भी स्कूल को दी। वे समाजसेवा के क्षेत्र में भी सक्रिय भागीदारी निभाने लगी है। मानकुंवरबाई को पूर्व में जिला से लेकर प्रदेश स्तर पर विभिन्न पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है।
उल्लेखनीय है कि करीब 21 वर्ष पहले मानकुंवरबाई के पति भारतसिंह राजपूत का निधन हो गया था। इसके बाद उन्होंने दो बच्चों सहित घर-परिवार की जिम्मेदारी के साथ ही कृषि के क्षेत्र में रूचि ली। उन्होंने जैविक खेती को अपनाया और बाद में मॉडल खेती की शुरूआत की। उनके कार्यों को देखते हुए मई 2015 में किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग राज्य स्तरीय सर्वोत्तम कृषक पुरस्कार दिया गया। मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने 50 हजार रुपए सहित प्रशस्ति पत्र दिया था। ग्वालियर समारोह में 19 अगस्त 2015 को राज्य स्तरीय सर्वोत्तम पुरस्कार मप्र शासन द्वारा दिया गया।

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