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सुरक्षित अनाज भंडारण

मौसम की मार सहते हुए रबी की गाड़ी अब अनाज भंडारण के मुहाने पर आ पहुंची है। चूंकि इस वर्ष मार्च में भी पानी बरसा है दानों में अधिक नमी रह जाना स्वाभाविक है। अतएव इस कीमती अनाज के सुरक्षित भंडारण को गंभीरता से लिये जाने की आवश्यकता है। शासकीय और अशासकीय माध्यमों को यदि देखें तो भंडारण के लिये कुल उत्पादन का 30-40 प्रतिशत ही भंडारण सुरक्षित ढंग से किया जाता है। शेष किसानों के अपने घरों में पुराने तरीके से भंडारित किया जाता है जो कि अधिक सतर्कता एवं सावधानियों से भंडारित किया जाना चाहिये। वर्षों पहले शासन द्वारा खेत में कटाई, ढुलाई से लेकर भंडारण तक अन्न का कितना हृास होता है पर वर्ष 95 में सर्वेक्षण कराया गया था। इस कमेटी का नाम डॉ. पी.सी. पान्से कमेटी, उसके अनुसार गहाई के दौरान 1.68 प्रतिशत, ढुलाई के दौरान 0.15 प्रतिशत, विधायन के समय 0.92 प्रतिशत, भंडारण में चूहों से 2.50 प्रतिशत, पक्षियों 0.85 प्रतिशत, बढ़ती नमी से 0.68 प्रतिशत, इस प्रकार करीब 9 से 10 प्रतिशत अनाज की क्षति होती है। मोटे अनाज जैसे ज्वार, मक्का, कोदो, कुटकी की भंडारण के दौरान 30-40 प्रतिशत तक हानि आंकी गई है। जिसकी कीमत करोड़ों में होती है। केंद्र तथा प्रदेश सरकार ने सुरक्षित अनाज भंडारण के लिये विभिन्न कदम उठाये, अनाज संचयन अनुसंधान तथा प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना की तथा हर स्तर पर सुरक्षित अनाज भंडारण के लिये विकसित कोठियों को बनवाने के लिये अनुदान की पात्रता भी की गई परंतु शासन तंत्र इतना विशाल नहीं हो सकता है जितना विशाल सुरक्षित भंडारण का प्रश्न है इस कारण कृषक अपने स्तर पर भी भंडारण के कुछ तरीके जैसे पुराने बोरों को धोकर, सुखाकर उपयोग करना, बड़ी-बड़ी अनाज कोठियों तथा बंडों की साफ-सफाई में जरा सी कोताही भारी पड़ सकती है। उल्लेखनीय है कि अनाज भंडारण के कुछ देशी तरीके भी हंै जिनका अंगीकरण करके अपना अनाज सुरक्षित रखा जा सकता है। जैसे गेहूं के बीज के साथ सूखी नीम की पत्तियों का उपयोग, बंडों में ऊपरी सतह तक अनाज भर जाने के बाद पीछे तेल का दिया जलाकर ऊपर रखें और ढक्कन बंद कर दें। अदरक, हल्दी जैसे कीमती मसाला फसलों के बीज को भंडारित करने के लिये 3 मीटर & 1 मीटर & 0.35 से.मी. लम्बी, चौड़ी तथा गहरी क्यारी बनायें 2.5 से.मी. रेत भरें तथा 2.5 से.मी धान का पैरा, उसके बाद अदरक, हल्दी की परतें डालकर धान के पैरा से ढंक कर रेत से पूरी क्यारी भर दें सीधी धूप से बचाने के लिये मंडप तैयार कर लें। इस प्रकार से भंडारित बीज बुआई के समय अच्छे परिणाम देते हंै। यदि बीज शीतगृह में रखा जाता है तो शीत गृह से निकालने के बाद उसे छाया में रखें, सीधे धूप नहीं दिखायें। इस प्रकार तरीका चाहे जो भी हो सुरक्षित भंडारण आज की अहम जरूरत है।

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