किसानों को अब 10 हजार रुपए मिलेंगे
भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में राजस्व पुस्तक परिपत्र खंड 6 क्रमांक 4 के मानदंड में वृद्धि को मंजूरी दी है। पानी में डूबने अथवा नाव दुर्घटना होने से मृत व्यक्ति के परिजन को एक लाख के स्थान पर अब 4 लाख तक की सहायता दी जायेगी। प्राकृतिक प्रकोप से निजी कुएं या नलकूप आदि टूट-फूट या धँस जाने पर उसके मालिक को हानि के आकलन के आधार पर 6,000 के स्थान पर अब 25 हजार रुपए तक की सहायता दी जायेगी। आग अथवा अन्य प्राकृतिक आपदा से कृषक की बैलगाड़ी अथवा कृषि उपकरण नष्ट हो जाने पर 4,000 के स्थान पर अब 10 हजार रुपए तक की सहायता दी जायेगी।
मंत्रिपरिषद के निर्णय के मुताबिक ऐसे छोटे दुकानदारों जिनकी दुकानें अग्नि दुर्घटना या अति वर्षा /बाढ़ के कारण नष्ट हो जाती हैं और उसकी दुकान का बीमा नहीं हो तथा दुकानदार के पास दुकान नष्ट हो जाने पर जीविकोपार्जन के अन्य सभी साधनों से वार्षिक आय एक लाख रुपए तक हो, तो दी जाने वाली सहायता में प्रति दुकानदार 12 हजार रुपए तक की वृद्धि की गयी है। पहले इसमें वार्षिक आय 35 हजार होने पर सहायता राशि 6 हजार रुपए दी जाती थी। सर्प/गुहेरा या जहरीले जंतु के काटने से अथवा बस या अन्य अधिकृत पब्लिक ट्रांसपोर्ट के नदी में गिरने या पहाड़ी आदि से खड्डे में गिरने से इन वाहन पर सवार व्यक्तियों की मृत्यु होने पर मृत व्यक्ति के परिजन को दी जाने वाली सहायता 50 हजार से बढ़ाकर अब 4 लाख रुपये तक की है।
फल-पौध रोपण योजना
मंत्रि-परिषद ने नर्मदा नदी के दोनों तटों पर फल-पौध रोपण योजना के प्रशासकीय अनुमोदन की मंजूरी दी है । योजना का विस्तार नर्मदा नदी के उदगम स्थल अमरकंटक (अनूपपुर) से राज्य की सीमा जोबट (अलीराजपुर) तक नदी के प्रभाव में आने वाले कुल 16 जिले अनूपपुर, मंडला, डिंडौरी, जबलपुर, सिवनी, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, रायसेन, सीहोर, हरदा, देवास, खंडवा, ख्ररगोन, बड़वानी, धार और अलीराजपुर में होगा। योजना में 3 वर्ष में कुल 45 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फल-पौध रोपण किया जायेगा। सामान्य/उच्च सघनता/अति उच्च सघनता में ड्रिप सहित फल-पौध रोपण करने पर निर्धारित इकाई लागत पर प्रति हेक्टेयर 40 प्रतिशत अनुदान देय होगा।
उच्च सघनता एवं अति उच्च सघनता के फल-पौध रोपण से जैविक फलोद्यान लगाने वाले हितग्राही को परंपरागत फसलों के एवज में वित्तीय सहायता प्रति वर्ष 20 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर के मान से 3 वर्ष तक दी जायेगी।