भारतीय मौसम विभाग का पहला पूर्वानुमान
किसानों को झमाझम मिलेगी राहत
97 फीसदी बारिश होने की संभावना
(नई दिल्ली कार्यालय)
नई दिल्ली। भारतीय मौसम विभाग ने भी किसानों के लिए खुशखबरी देते हुए इस वर्ष मानसून सामान्य रहने की भविष्यवाणी की है। मौसम विभाग का कहना है कि इस सीजन में 97 प्रतिशत बारिश का अनुमान है जबकि गत वर्ष 96 प्रतिशत था। लेकिन 95 फीसदी वर्षा हुई थी। ज्ञातव्य है कि पिछले पखवाड़े में निजी संस्था स्काईमेट ने भी मानसून सामान्य रहने की भविष्यवाणी की थी। सरकारी एवं निजी संस्थाओं दोनों की इस वर्ष सामान्य मानसून की भविष्यवाणी एवं अनुमान से किसानों को राहत मिलेगी, क्योंकि देश एवं प्रदेश के किसानों के लिए मानसूनी वर्षा जीवनदायिनी है। खरीफ का उत्पादन इसी वर्षा पर निर्भर करता है। मौसम विभाग का कहना है कि अगला पूर्वानुमान जून के प्रारंभ में आएगा। |
भारतीय मौसम विभाग का पूर्वानुमान (प्रतिशत में) |
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वर्ष | पूर्वानुमान | वास्तविक |
2013 | 98 | 106 |
2014 | 96 | 88 |
2015 | 93 | 86 |
2016 | 106 | 97 |
2017 | 96 | 95 |
2018 | 97 | – |
सामान्य रहेगा मानसून
भारतीय मौसम विभाग ने गत दिनों अपना पहला पूर्वानुमान जारी करते हुए कहा कि इस वर्ष देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून मात्रा की दृष्टि से सीजन के दौरान कुल वर्षा दीर्घावधि औसत (एलपीए) का 97 प्रतिशत रहने का पूर्वानुमान है। हालांकि, इसमें 5 प्रतिशत का अंतर हो सकता है। वर्ष 1951 से लेकर वर्ष 2000 तक की अवधि के दौरान देश में मानसून सीजन के दौरान दीर्घावधि औसत (एलपीए) वर्षा 89 सेंटीमीटर रही है। सीजन के दौरान सामान्य मानसूनी वर्षा (एलपीए का 96-104 प्रतिशत) की अधिकतम संभावना के साथ-साथ सामान्य से कम वर्षा होने की कम संभावना है।
मौसम विभाग का कहना है कि वर्ष 2018 के दक्षिण-पश्चिम मानसून सीजन में वर्षा का पूर्वानुमान तैयार करने के लिये अप्रैल, 2018 में प्रारंभिक वायुमंडलीय और समुद्री स्थितियों का उपयोग किया गया। इनके मुताबिक एमएमसीएफएस पर आधारित पूर्वानुमान से यह पता चलता है कि वर्ष 2018 के मानसून सीजन (जून-सितंबर) के दौरान पूरे देश में मानसून की औसत वर्षा दीर्घावधि औसत (एलपीए) का 99 प्रतिशत रहने की संभावना है। हालांकि, इसमें 5 प्रतिशत का कम ज्यादा अंतर हो सकता है।
विभाग के अनुसार क्रियाशील सांख्यिकीय समष्टि पूर्वानुमान प्रणाली (एसईएफएस) पर आधारित पूर्वानुमान के मुताबिक मात्रा की दृष्टि से मानसून सीजन के दौरान कुल वर्षा दीर्घावधि औसत (एलपीए) का 97 प्रतिशत रहने का पूर्वानुमान है। हालांकि, इसमें 5 प्रतिशत का अंतर हो सकता है।
मौसम विभाग के मुताबिक जून और सितम्बर में देश के अधिकांश हिस्सों में अच्छी वर्षा होगी। जुलाई और अगस्त में बारिश कुछ कम रह सकती है। लेकिन वह भी सामान्य के आसपास ही रहेगी।
जून में एल.पी.ए. (लांग पीरियड एवरेज) की 111 प्रतिशत, जुलाई में 97 प्रतिशत, अगस्त में 96 प्रतिशत और सितम्बर में 101 प्रतिशत वर्षा होने का अनुमान है। इन चार माह के दौरान 96 से 104 प्रतिशत बारिश होने पर मानसून सामान्य माना जाता है।