महिलाओं की कामयाबी: मध्यप्रदेश में 1.63 लाख स्व-सहायता समूहों को 3584 करोड़ का बैंक लोन, 12 गुना बढ़ोतरी
24 अगस्त 2024, भोपाल: महिलाओं की कामयाबी: मध्यप्रदेश में 1.63 लाख स्व-सहायता समूहों को 3584 करोड़ का बैंक लोन, 12 गुना बढ़ोतरी – मध्यप्रदेश में महिलाओं के स्व-सहायता समूह (SHG) आर्थिक बदलाव की कहानी लिख रहे हैं। पिछले पांच सालों में इन समूहों को बैंकों द्वारा दिए जाने वाले ऋण में 12 गुना वृद्धि हुई है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती दे रही है।
वर्ष 2023-24 में प्रदेश के 1 लाख 63 हजार 500 स्व-सहायता समूहों को सार्वजनिक, निजी और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों ने 3584 करोड़ रुपये का लोन उपलब्ध कराया है। वर्ष 2012-13 से अब तक 7.09 लाख स्व-सहायता समूहों को 10 हजार 337 करोड़ रुपये का बैंक लोन दिया गया है।
आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर कदम
बालाघाट जिले के लांजी विकासखंड के खाण्डाफरी ग्राम पंचायत के ‘आराधना आजीविका स्व-सहायता समूह’ ने 2017 में गठन के बाद 2020 में 1.5 लाख रुपये का लोन लिया। समय पर लोन चुकाकर, समूह ने 2021 में 3 लाख रुपये और 2022 में 6 लाख रुपये का लोन लिया। अब समूह ने 10 लाख रुपये का लोन लिया है। समूह की महिलाएं कई आर्थिक गतिविधियों में संलग्न हैं, जैसे पार्वती बूढ़ाजले किराना दुकान चलाती हैं और मुरमुरा बनाती हैं, जिससे उनकी सालाना आय 1.4 लाख रुपये तक पहुंच गई है।
सिवनी जिले के सिमरिया गांव के ‘अम्बिका स्व-सहायता समूह’ की महिलाएं भी आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। समूह की अध्यक्ष प्रभा चौधरी ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से 1.5 लाख रुपये का लोन लिया और इसे चुकाकर 2021-22 में 3 लाख रुपये का दूसरा लोन लिया। अब यह महिलाएं 6 लाख रुपये के लोन से अपनी आर्थिक गतिविधियों को बढ़ा रही हैं।
ग्रामीण विकास में महिलाओं की भूमिका
पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने स्व-सहायता समूहों की महिलाओं की मेहनत को सराहा और बैंकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इन समूहों के लोन की वापसी दर 98.9% है, जो उनकी वित्तीय अनुशासन का प्रमाण है। श्री पटेल ने बैंकों से इन समूहों को और अधिक साख सुविधा देने का आग्रह किया, जिससे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर गांव के सपने को साकार किया जा सके।
बैंकिंग क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि
वर्ष 2019-20 में स्व-सहायता समूहों को 303 करोड़ रुपये का लोन दिया गया था, जबकि 2023-24 में यह राशि 3584 करोड़ रुपये हो गई। इस प्रकार, पिछले पांच वर्षों में बैंक लोन वितरण में 12 गुना वृद्धि हुई है। मध्यप्रदेश के 10 प्रमुख जिलों में सबसे ज्यादा ऋण बालाघाट, छिंदवाड़ा और सिवनी को मिला है।
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