फसलें खा रहे वन्य जीव, सरकार ने उठाए कड़े कदम– जानिए पूरी खबर
15 मार्च 2025, भोपाल: फसलें खा रहे वन्य जीव, सरकार ने उठाए कड़े कदम– जानिए पूरी खबर – मध्यप्रदेश में किसानों की फसलों को वन्य जीवों से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए सरकार ने अहम फैसले लिए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि जंगलों में रह रहे हाथियों और अन्य वन्य जीवों के लिए पर्याप्त भोजन का इंतजाम किया जाए, ताकि वे आबादी वाले इलाकों में न भटकें। इसके लिए घास के मैदान बनाए जाएंगे।
गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में मध्यप्रदेश टाइगर फाउंडेशन समिति की 15वीं आमसभा में वन्य जीव संरक्षण और मानव-वन्य जीव संघर्ष कम करने पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वन्य जीव पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रेस्क्यू सेंटर कम जू बनाने की दिशा में तेजी लाई जाए।
नीलगाय और कृष्ण मृग को शिफ्ट करने की तैयारी
किसानों की फसल को बचाने के लिए नीलगाय और कृष्ण मृग (ब्लैक बक) को दूसरी जगह शिफ्ट करने का प्लान तैयार किया गया है। इसके लिए हेलीकॉप्टर की मदद से इन जानवरों को पकड़ा जाएगा। हालांकि, तीन बार निविदाएं निकालने के बावजूद अब तक वांछित हेलीकॉप्टर और अनुभवी पायलट नहीं मिले हैं। अब प्रमुख सचिव विमानन से अनुरोध किया गया है कि जल्द से जल्द इस सुविधा को उपलब्ध कराया जाए। जैसे ही हेलीकॉप्टर मिलेगा, यह अभियान शुरू कर दिया जाएगा।
वन्य जीव संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान
बैठक में बताया गया कि पेंच, सतपुड़ा, वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व, रालामंडल, कूनो, गांधीसागर अभयारण्य और माधव राष्ट्रीय उद्यान में 180 जागरूकता कैंप, 24 क्षमता उन्नयन कैंप और 14 कर्मचारी कल्याण कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।
इसके अलावा, वन कर्मियों के लिए 5 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता देने की योजना भी बनाई गई है। वन्य जीव संरक्षण और रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान गंभीर रूप से घायल होने वाले वन कर्मियों को इस राशि से तुरंत इलाज की सुविधा मिलेगी। जरूरत पड़ने पर एयर एंबुलेंस की भी व्यवस्था होगी। मुख्यमंत्री ने इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है।
मध्यप्रदेश टाइगर फाउंडेशन समिति 1997 से राज्य में वन्य जीव संरक्षण को लेकर काम कर रही है। यह समिति सरकार, गैर-सरकारी संगठनों और आम जनता के सहयोग से वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए काम करती है। साथ ही, जागरूकता अभियानों के जरिए लोगों को वन्य जीव संरक्षण से जोड़ने का प्रयास किया जाता है।
सरकार द्वारा उठाए गए इन कदमों से यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या किसानों को होने वाला नुकसान कम हो पाएगा और वन्य जीवों से टकराव की घटनाओं में कितनी कमी आएगी।
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