राज्य कृषि समाचार (State News)

उर्वरक बिक्री में कई अनियमितताओं पर संबंधितों के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज़

11 अक्टूबर 2024, जबलपुर: उर्वरक बिक्री में कई अनियमितताओं पर संबंधितों के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज़ – जबलपुर जिले में उर्वरक की बिक्री में अनियमितता एवं प्रतिष्ठित ब्रांड के गलत उपयोग से किसानों को भ्रमित कर अनुचित लाभ अर्जित करने के दो मामले सामने आए हैं। इन दोनों मामलों में संबंधित आरोपियों के खिलाफ थाना बेलखेड़ा और थाना शहपुरा में एफआईआर दर्ज़ कराई गई है।

इस संबंध में  डॉ. एसके निगम उप संचालक कृषि, जबलपुर से मिली जानकारी के अनुसार  पहला मामला बेलखेड़ा का है जहाँ नकली खाद बेचने की गुप्त सूचना मिलने पर वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर एसडीओ कृषि पाटन डॉ  इंदिरा त्रिपाठी के नेतृत्व में सहायक संचालक कृषि कीर्ति वर्मा ,श्री अमित पांडे  एवं  वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी , विकास खंड शहपुरा सुश्री मेघा अग्रवाल द्वारा अभिषेक ढाबा के सामने स्थित नमस्वी कृषि एग्रो का औचक निरीक्षण किया था । इस दौरान प्रोप्राइटर दीपशिखा की गैर मौजूदगी में भाई भानुप्रताप सिंह लोधी ही संचालन करता पाया गया।  निरीक्षण के दौरान प्रतिष्ठान/गोदाम में आईपीएल कम्पनी की 44 बोरी डीएपी पाई गई। दस्तावेजों की जाँच में उर्वरक लाइसेंस में आईपीएल कम्पनी का ओ  फार्म भी जुड़ा हुआ नहीं पाया गया। जो उर्वरक नियंत्रण अधिनियम 1985 की धारा 8 का उल्लंघन है। अन्य कई अनियमितताएं  भी पाई गई।  डीएपी की मात्रा के संबंध में आरोपी दुकानदार ने भ्रमित करने का प्रयास किया।इस बारे में  जिला विपणन अधिकारी जबलपुर से उर्वरक आपूर्ति की जानकारी एवं आईपीएल कंपनी के जिला प्रतिनिधि की पुष्टि के बाद इन बोरियों की पैकिंग को संदिग्ध बताया गया। इसके बाद जब्तीनामा बनाकर आरोपी भानुप्रताप को उर्वरक की सुपुर्दगी  देकर उर्वरक का नमूना परीक्षण हेतु प्रयोगशाला भेजा गया।  प्रथम दृष्टया उक्त आईपीएल डीएपी नकली होना पाए जाने पर  वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी / उर्वरक निरीक्षक  विकास खंड शहपुरा  सुश्री मेघा अग्रवाल द्वारा आरोपी भानुप्रताप सिंह पिता भारत सिंह लोधी निवासी  बेलखेड़ा के खिलाफ थाना बेलखेड़ा में  उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985  की धारा 8  एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955  की धारा 3 और 7  के तहत 9  अक्टूबर को एफआईआर दर्ज़ कराई गई।

 दूसरा मामला शहपुरा का है। विगत दिनों शहपुरा स्थित उर्वरक विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों के  भौतिक सत्यापन के दौरान वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी एवं उर्वरक निरीक्षक शहपुरा सुश्री मेघा अग्रवाल एवं विषय वस्तु विशेषज्ञ पाटन पंकज श्रीवास्तव ने मेसर्स सरस्वती फर्टिलाइजर्स शहपुरा भिटौनी के प्रतिष्ठान पर ब्रांड नेम रासी सरदार फास्फेट सोलुबलाइजिंग बैक्टरिया आर्गेनिक सब्स्टीयूट ऑफ डीएपी कंपनी बायर फर्टिलाईजर प्राइवेट लिमिटेड  बड़वानी  के 50-50 किलोग्राम के 100 बैग रखे  पाए  गए थे। अनुविभागीय कृषि अधिकारी पाटन द्वारा पुनः निरीक्षण  में  ब्रांड नेम राशि सरदार फास्फेट सोलुबलाइजिंग बैक्टीरिया (पीएसबी) आर्गेनिक सब्स्टीयूट ऑफ डीएपी के संबंध में पूछताछ  करने पर  पता चला  कि प्रतिष्ठान का लाईसेंस प्रबंधक निधि राठौर के नाम पर है, जबकि निरीक्षण के दौरान राहुल राठौर उपस्थित थे, जो प्रतिष्ठान पर संपूर्ण व्यवसाय संपादित करते हैं। श्री राठौर द्वारा सर्टिफिकेट ऑफ सोर्स (ओ फार्म) प्रस्तुत किया गया, जो कि उर्वरक लाइसेंस में इंद्राज नहीं था।  यही नहीं पीएसबी का ब्रांड नेम रासी से विक्रय करने की अनुमति 7 अक्टूबर 2021 से प्राप्त है, परंतु बायर फर्टिलाइजर बड़वानी द्वारा प्रचलित सरदार डीएपी के नाम का उपयोग करके रासी सरदार पीएसबी ऑर्गेनिक सब्सीट्यूट ऑफ डीएपी नाम का उपयोग किया गया । निरीक्षण में बैग पर आवश्यक जानकारी जैसे बैच नम्बर मैन्युफैक्चरिंग की तारीख, अधिकतम विक्रय मूल्य की जानकारी उल्लेखित नहीं पाई गई। उर्वरक निरीक्षक द्वारा इस उर्वरक का नमूना  लेकर  परीक्षण हेतु प्रयोगशाला भेजा गया। पता लगा कि  बायर फर्टिलाईजर प्रा  लि  तकली  रोड़  जिला बडवानी के एरिया मैनेजर  रविन्द्र  चौरसिया  द्वारा सरस्वती फर्टिलाइजर को यह उर्वरक उपलब्ध कराया गया था। दुकानदार दवरा ब्रांड नेम का गलत उपयोग कर कृषकों को भ्रमित किया जाकर  व्यवसाय में अनुचित लाभ अर्जित किया जा रहा था। प्रथम दृष्टया नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी / उर्वरक निरीक्षक  विकास खंड शहपुरा  सुश्री  मेघा अग्रवाल द्वारा  थाना शहपुरा में  सरस्वती  फर्टिलाइजर्स  शहपुरा के आरोपी  राहुल पिता रमेश ,बायर फर्टिलाइजर्स प्रा लि बड़वानी के संचालक के साथ ही एरिया मैनेजर  रविंद्र चौरसिया , बड़वानी के खिलाफ  उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 की धारा 8  एवं 19 (सी) 2 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3 (2) (डी) एवं धारा 7 तथा  भारतीय न्याय संहिता २०२३ की धारा 319 (2 ) और 318 (4 ) में 10 अक्टूबर को  एफआईआर दर्ज़  कराई गई  है।

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