रेज्ड बेड पद्धति से बोए गेहूं
डीबीडब्ल्यू-377 का मिला 73 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन
08 अप्रैल 2025, जबलपुर: रेज्ड बेड पद्धति से बोए गेहूं – जिले के विकासखण्ड पाटन के ग्राम कुकरभुका में गेहूँ के फसल कटाई प्रयोग में मिले नतीजों ने कृषि अधिकारियों सहित मौके पर मौजूद रहे सभी किसानों को आश्चर्यचकित कर दिया। फसल कटाई का यह प्रयोग गत दिनों कृषक श्री अर्जुन पटेल के खेत में किया गया था और इसमें गेहूँ का 73 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन प्राप्त हुआ, जो सामान्य से काफी अधिक है।
फसल कटाई प्रयोग के दौरान मौजूद रहे उप संचालक कृषि डॉ. एस. के. निगम ने बताया कि कृषक श्री अर्जुन पटेल द्वारा अपने खेत में गेहूँ के डीबीडब्ल्यू-377 ब्रीडर बीज की रेज्ड बेड पद्धति से बोनी की गई थी।
डॉ. निगम के मुताबिक अर्जुन पटेल के खेत में फसल कटाई प्रयोग पाँच मीटर लम्बे और पाँच मीटर चौड़े हिस्से में किया गया था और इसमें 18 किलो 424 ग्राम गेहूँ के उत्पादन प्राप्त हुआ। उप संचालक कृषि के मुताबिक कृषक श्री पटेल द्वारा गेहूँ का ब्रीडर बीज भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद करनाल से लाया गया एवं रेज्ड बेड पद्धति से बोया गया।
अनुविभागीय कृषि अधिकारी पाटन डॉ. इंदिरा त्रिपाठी के अनुसार फसल बुवाई की रेज्ड बेड पद्धति यथास्थिति नमी संरक्षण के लिए अपनाई जाती है। इसमें बुवाई संरचना, फरो इरीगेटेड रेज्ड बेड प्लान्टर से बनाई जाती है, जिसमें सामान्यत: प्रत्येक दो कतारों के बाद लगभग 25 से 30 सेंटीमीटर चौड़ी और 15 से 20 सेंटीमीटर गहरी नाली (कूड़) बनती है।
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