सरकारी योजनाएं (Government Schemes)राज्य कृषि समाचार (State News)

क्या है पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना, जिससे बदलेंगे 40 लाख परिवारों के हालात?

03 दिसंबर 2024, भोपाल: क्या है पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना, जिससे बदलेंगे 40 लाख परिवारों के हालात? – पार्वती, कालीसिंध और चंबल नदियों के जल का बेहतर प्रबंधन और उपयोग सुनिश्चित करने के उद्देश्य से तैयार की गई संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना अब मालवा क्षेत्र के सभी घटकों का कार्य पहले चरण में ही करेगी। यह निर्णय परियोजना की समयसीमा और उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इससे मालवा क्षेत्र में सिंचाई, पेयजल और औद्योगिक उपयोग के लिए जल की उपलब्धता पहले ही चरण में सुनिश्चित होगी।

यह परियोजना मध्यप्रदेश और राजस्थान के जल संसाधनों का उपयोग कर कृषि, उद्योग और जल प्रबंधन में नए आयाम स्थापित करने का प्रयास है। परियोजना के तहत सिंचाई, पेयजल और औद्योगिक उपयोग के लिए लाखों परिवारों को लाभ मिलने की उम्मीद है।

परियोजना का व्यापक स्वरूप और लाभ

इस परियोजना की कुल लागत 72,000 करोड़ रुपये प्रस्तावित है। इसके तहत मध्यप्रदेश में 6.11 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा मिलेगी। साथ ही, 172 मिलियन घनमीटर जल का प्रावधान पेयजल और उद्योगों के लिए किया गया है। यह परियोजना चंबल और मालवा क्षेत्र के लगभग 40 लाख परिवारों के लिए उपयोगी होगी।

इस परियोजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश की 17 परियोजनाएं और राजस्थान की पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को जोड़ा गया है। प्रमुख रूप से मालवा और चंबल क्षेत्र में पर्यटन, मत्स्य पालन और औद्योगिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

परियोजना में मध्यप्रदेश से प्रारंभ होने वाली नदियों जैसे पार्वती, कूनो, कालीसिंध, चंबल, क्षिप्रा और उनकी सहायक नदियों के जल का उपयोग किया जाएगा। इस परियोजना के मुख्य घटकों में श्रीमंत माधवराव सिंधिया सिंचाई कॉम्पलेक्स के अंतर्गत चार बांध (कटीला, सोनपुर, पावा और धनवाड़ी) और दो बैराज (श्यामपुर और नैनागढ़) शामिल हैं। कुंभराज कॉम्पलेक्स में दो बांध (कुंभराज-1 और कुंभराज-2) प्रस्तावित हैं। रणजीत सागर और ऊपरी चंबल कछार क्षेत्र में सात बांध (सोनचिरी, रामवासा, बचेरा, पदुनिया, सेवरखेड़ी, चितावद और सीकरी सुल्तानपुरा) बनाए जाएंगे। इसके अलावा, गांधी सागर बांध की अपस्ट्रीम में चंबल, क्षिप्रा और गंभीर नदियों पर छोटे बांधों का निर्माण भी प्रस्तावित है।

प्रभावित क्षेत्र और लक्ष्य

इस परियोजना से मध्यप्रदेश के 13 जिलों मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, भिंड, श्योपुर, इंदौर, उज्जैन, धार, आगर-मालवा, शाजापुर, देवास और राजगढ़ को सिंचाई, पेयजल और औद्योगिक उपयोग के लिए जल की आपूर्ति की जाएगी। इसके अलावा, परियोजना से इन क्षेत्रों में मत्स्य पालन और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

अंतरराज्यीय समझौते और आगे की योजनाएं

परियोजना के तहत मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच चंबल दायीं मुख्य नहर (CRMC) और उसके सिस्टम का नवीनीकरण प्रस्तावित है। इससे श्योपुर, मुरैना और भिंड जिलों को सिंचाई और पेयजल के लिए आवंटित जल का प्रबंधन बेहतर होगा।

इस परियोजना के लिए 28 जनवरी 2024 को एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए थे। मध्यप्रदेश सरकार ने इस परियोजना के अंतर्गत श्रीमंत माधवराव सिंधिया सिंचाई कॉम्पलेक्स की छह परियोजनाओं की डीपीआर तैयार कर राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण को भेज दी है। शेष परियोजनाओं की डीपीआर पर कार्य जारी है।

मध्यप्रदेश ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि संशोधित अनुबंध में राज्य के बिंदुओं को शामिल कर अंतिम समझौता प्रदान किया जाए। इसके बाद परियोजना के क्रियान्वयन को गति दी जाएगी। आगामी पांच वर्षों में इस परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना से कृषि, उद्योग और जल संरक्षण के क्षेत्र में नई दिशा मिलने की उम्मीद है। इससे प्रदेश के जल संसाधनों का अधिकतम उपयोग कर लाखों परिवारों की जरूरतें पूरी होंगी।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements