राज्य कृषि समाचार (State News)

राजस्थान में कृषि वैज्ञानिकों से नवाचार की अपील, यूडीएच मंत्री का जैविक खेती पर जोर

17 अक्टूबर 2024, सीकर: राजस्थान में कृषि वैज्ञानिकों से नवाचार की अपील, यूडीएच मंत्री का जैविक खेती पर जोर –  राजस्थान के नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन राज्य मंत्री, झाबर सिंह खर्रा, ने कहा कि भारत अभी भी एक कृषि प्रधान देश है, और खेती को आर्थिक रूप से अधिक लाभदायक बनाने के लिए कृषि वैज्ञानिकों को नवाचार और अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। मंत्री खर्रा ने फतेहपुर स्थित श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर के संगठक कृषि महाविद्यालय के नए प्रशासनिक और अकादमिक भवनों के उद्घाटन के अवसर पर यह बात कही।

उन्होंने कहा कि रासायनिक खाद और कीटनाशकों के अधिक प्रयोग से मिट्टी की उर्वरक शक्ति घटी है, और इसे सुधारने के लिए जैविक खेती को बढ़ावा देना जरूरी है। हालांकि शुरू में जैविक खेती से उत्पादन कम हो सकता है, लेकिन लंबे समय में यह अधिक लाभदायक साबित हो सकती है। उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों से जैविक खेती को अधिक प्रभावी बनाने के लिए अनुसंधान और नवाचार करने का आह्वान किया।

मंत्री खर्रा ने जलवायु परिवर्तन और यांत्रिक खेती के कारण भू-जल संग्रहण की कमी पर चिंता जताई और सतही जल के संरक्षण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए कई सकारात्मक कदम उठाए गए हैं। खेती के साथ पशुपालन, उद्यानिकी और दुग्ध उत्पादन जैसी गतिविधियों को अपनाकर किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं।

समारोह में श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर के कुलपति प्रोफेसर डॉ. बलराज सिंह ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए बताया कि 60 प्रतिशत छात्राएं कृषि शिक्षा में हैं, और निधि विश्नोई ने कृषि शिक्षा में भारत में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने बताया कि फतेहपुर कृषि महाविद्यालय के छात्रावास और भवनों के विकास के लिए प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है।

इस अवसर पर प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया गया, और महाविद्यालय परिसर में पौधारोपण तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी हुआ।

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