जबलपुर जिले के पहले कृषक विनय सिंह को मिला पूर्ण जैविक प्रमाणीकरण
01 मई 2025, जबलपुर: जबलपुर जिले के पहले कृषक विनय सिंह को मिला पूर्ण जैविक प्रमाणीकरण – जिले के शहपुरा विकासखंड के ग्राम फुलर भीटा के किसान श्री विनय सिंह पूरी तरह जैविक विधि अपनाकर खेती करने वाले जबलपुर जिले के पहले किसान बन गये हैं। कृषि अधिकारियों की प्रेरणा से जैविक खेती कर रहे कृषक श्री सिंह ने पहली बार वर्ष 2022 में मध्य प्रदेश राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्था में अपने 52 एकड़ के खेत का पंजीयन करवाया था। संस्था द्वारा तीन वर्ष बाद उनके खेत को पूर्ण जैविक प्रमाणीकरण का सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया है।
उप संचालक कृषि डॉ एस के निगम के मुताबिक विनय सिंह द्वारा आगामी वर्ष के लिये भी नवीनीकरण हेतु राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्था भोपाल में अपना पंजीयन करवाया है। डॉ निगम ने बताया कि जैविक प्रमाणीकरण के नवीनीकरण के लिये उन्होंने आज मंगलवार को जिले की जैविक निरीक्षक एवं अनुविभागीय अधिकारी पाटन डॉ इंदिरा त्रिपाठी के साथ विनय सिंह के खेत का निरीक्षण किया। डॉ निगम ने बताया कि शुरुआत में श्री विनय सिंह द्वारा अपने खेत में जैविक विधि से गेहूं, धान, मटर, चना की फसल ही ली जाती थी। अब उन्होंने मिर्च एवं टमाटर जैसी उद्यानिकी फसल भी लेना शुरू कर दिया है। वर्तमान में उनके खेत में साढ़े तीन एकड़ में मिर्च, तीन एकड़ में टमाटर, तीस एकड़ में उड़द एवं तीन एकड़ में मूंग की फसल ली जा रही है। विनय सिंह अपनी गायों के लिए 5 एकड़ में जैविक मक्का एवं बरसीम का उत्पादन भी ले रहे हैं।
उप संचालक कृषि ने बताया कि श्री विनय सिंह द्वारा अपने खेत में जैविक खाद जीवामृत, बीजामृत, एनपीके खाद, मिनरल मिक्सर एवं भस्म रसायन तथा कीटों के नियंत्रण हेतु नीमस्त्र, ब्रह्मास्त्र, खट्टा मीठा जैव रसायन एवं अन्य उत्पाद भी तैयार किये जा रहे हैं। कृषक विनय सिंह ने माह अगस्त में जैविक विधि से साढे तीन एकड़ में मिर्च लगाई थी और अभी तक 14 लाख रुपए की हरी मिर्च मंडी में बेच का चुके हैं।वर्तमान में मंडी में कीमत कम होने से वे मिर्च को सुखा रहे है। उनके पास 20 क्विंटल सूखी लाल मिर्च भी रखी है, जिसका वर्तमान बाजार मूल्य 15 हजार रुपए प्रति क्विंटल है। इस प्रकार तीन लाख रुपए की मिर्च उनके पास है और मई माह तक उन्हें लगातार उत्पादन प्राप्त होगा।
उप संचालक कृषि डॉ निगम ने बताया कि चूंकि विनय सिंह का जैविक उत्कर्ष फार्म मध्यप्रदेश राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्था से प्रमाणित हो चुका है, इसे देखते हुए उन्हें लाल मिर्च पाउडर तैयार कर जैविक प्रमाणीकरण के लोगो के साथ बाजार में बेचने की सलाह दी गई है, ताकि उन्हें उनके उत्पाद का और अधिक मूल्य प्राप्त हो सके। श्री सिंह को लगभग 9 महीने में मिर्च की फसल से 20 से 21 लाख रुपये की आय अर्जित होने और खर्च काटकर साढ़े नौ लाख रुपये मुनाफा होने का अनुमान है। उप संचालक ने बताया कि खेती में जैविक विधि अपनाने के लिये विनय सिंह को परियोजना संचालक आत्मा द्वारा जिले के कृषकों को प्रशिक्षित करने हेतु मास्टर ट्रेनर भी बनाया गया है। उनके जैविक उत्पादों की मांग जबलपुर के साथ-साथ अब गुजरात एवं हैदराबाद के व्यापारियों द्वारा भी की जा रही है।
उप संचालक कृषि के मुताबिक जिले में अभी तक 12 कृषकों का जैविक प्रमाणीकरण किया जा चुका है तथा पांच कृषकों के पंजीयन हेतु शुल्क जमा किये जाने की प्रक्रिया पूर्ण की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के सतत प्रयासों से जिले के कृषकों में जैविक खेती एवं प्रमाणीकरण का रुझान बढ़ता जा रहा है।
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