आईसीएआर-आरसीईआर के निदेशक डॉ. अनुप दास ने डीएआरई सचिव एवं आईसीएआर महानिदेशक डॉ. एम.एल. जाट से की भेंट
30 अप्रैल 2025, नई दिल्ली: आईसीएआर-आरसीईआर के निदेशक डॉ. अनुप दास ने डीएआरई सचिव एवं आईसीएआर महानिदेशक डॉ. एम.एल. जाट से की भेंट – भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – पूर्वी क्षेत्रीय अनुसंधान परिसर (ICAR-RCER), पटना के निदेशक डॉ. अनुप दास ने कृषि भवन, नई दिल्ली में कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग (DARE) के सचिव एवं आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. मांगीलाल जाट से शिष्टाचार भेंट की।
इस अवसर पर डॉ. दास ने पूर्वी भारत में कृषि विकास को गति देने के लिए संस्थान द्वारा किए जा रहे अनुसंधान, प्रशिक्षण, विस्तार और शैक्षणिक गतिविधियों की विस्तृत जानकारी साझा की। उन्होंने आईसीएआर-आरसीईआर की प्रमुख उपलब्धियों, वर्तमान में चल रही फ्लैगशिप परियोजनाओं, और भविष्य की रणनीतियों को रेखांकित किया। चर्चा के दौरान, डॉ. दास ने सम्मानस्वरूप डॉ. जाट को संस्थान की स्मृति-पुस्तिका ‘नवाचार और उत्कृष्टता की 25 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ भेंट की।
डॉ. जाट ने संस्थान की कार्यप्रणाली की सराहना करते हुए सतत नवाचार, उन्नत कृषि तकनीकों के विकास, और किसानों से मजबूत जुड़ाव की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पूर्वी भारत की कृषि में अपार संभावनाएं हैं, और वहां तकनीकी समाधान के व्यापक प्रचार-प्रसार से कृषि क्षेत्र में तेज़ी से विकास संभव है।
बैठक में संस्थागत प्रबंधन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर भी चर्चा हुई, जिनमें मानव संसाधन विकास, कार्यप्रवाह का आधुनिकीकरण और अधोसंरचना सुदृढ़ीकरण शामिल हैं। यह उच्चस्तरीय संवाद आईसीएआर-आरसीईआर की भावी दिशा निर्धारण और मुख्यालय के साथ संस्थागत संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
इस अवसर पर डॉ. अनुप दास के साथ संस्थान के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी श्री पुष्पनायक और सहायक श्री रश्मिकांत भी उपस्थित थे। यह जानकारी श्री उमेश कुमार मिश्रा, सदस्य सचिव (मीडिया), आईसीएआर-आरसीईआर, पटना द्वारा दी गई।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: