मध्यप्रदेश में धान, ज्वार और बाजरा खरीद नीति लागू, एमएसपी पर होगी फसल खरीदी
11 नवंबर 2024, भोपाल: मध्यप्रदेश में धान, ज्वार और बाजरा खरीद नीति लागू, एमएसपी पर होगी फसल खरीदी – मध्यप्रदेश सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए धान, ज्वार और बाजरा की फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदी नीति की घोषणा की है। इस नीति के तहत, किसानों से औसत अच्छी गुणवत्ता की फसलें खरीदी जाएंगी, जिससे उन्हें उपज का उचित मूल्य मिल सकेगा। राज्य में ज्वार और बाजरा की खरीदी 22 नवंबर से, जबकि धान की खरीदी 2 दिसंबर से शुरू होगी।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि प्रदेश के सभी कलेक्टरों और संबंधित विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि उपार्जन नीति का सख्ती से पालन हो। इससे सुनिश्चित किया जाएगा कि किसानों को एमएसपी पर फसल बेचने में किसी प्रकार की परेशानी न हो। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उपार्जन कार्य में किसी भी तरह की लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
उपार्जन केंद्रों का निर्धारण किसानों की सुविधा के अनुसार होगा
खरीदी प्रक्रिया को सुचारु बनाने के लिए जिले स्तर पर उपार्जन केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इन केंद्रों का चयन किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा, और प्राथमिकता के आधार पर इन्हें गोदाम या केप परिसर में स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही, राज्य उपार्जन समिति जिले में पंजीकृत किसानों, बोए गए रकबे और पिछले वर्ष की खरीदी प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए केंद्रों की संख्या का निर्धारण करेगी।
समर्थन मूल्य पर खरीदी करने वाली संस्थाओं की भूमिका
उपार्जन कार्य में सहकारी समितियों, प्राथमिक कृषि सहकारी संस्थाओं, ब्लॉक स्तर की विपणन सहकारी संस्थाओं, जिला थोक उपभोक्ता भंडार, महिला स्व-सहायता समूहों और क्लस्टर लेवल फेडरेशनों जैसी संस्थाओं की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी। इन संस्थाओं की पात्रता का निर्धारण खाद्य विभाग द्वारा किया जाएगा।
बारदाना प्रबंधन और गुणवत्ता मानकों का पालन
समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी के लिए 46 प्रतिशत पुराने और 54 प्रतिशत नए जूट के बारदाने उपयोग किए जाएंगे, जबकि ज्वार और बाजरा की खरीदी पूरी तरह नए जूट के बारदाने में होगी। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार खरीदी होगी, और गुणवत्ता परीक्षण का जिम्मा उपार्जन करने वाली संस्था का होगा।
स्लॉट बुकिंग और उपार्जन प्रक्रिया
किसानों को उपार्जन केंद्र और विक्रय तिथि के चयन के लिए राज्य की वेबसाइट www.mpeuparjan.nic.in पर स्लॉट बुकिंग करनी होगी। किसानों की पंजीकृत फसल रकबे और तहसीलवार उत्पादकता के आधार पर अधिकतम विक्रय योग्य मात्रा का निर्धारण किया जाएगा। उपार्जित फसल के गोदाम तक परिवहन का दायित्व उपार्जन एजेंसी का रहेगा, जबकि धान को उपार्जन केंद्र से मिलर्स तक ले जाने की जिम्मेदारी मिलर्स की होगी।
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