राज्य कृषि समाचार (State News)

मोरगढ़ी में ‘वसुमता क्लस्टर कैम्प’ सम्पन्न  

29 दिसम्बर 2022, हरदा: मोरगढ़ी में ‘वसुमता क्लस्टर कैम्प’ सम्पन्न – जिले में कृषकों की समसामयिक तकनीकी समस्याओं का एक ही छत के नीचे कृषि व कृषि से संबद्ध विभागों द्वारा त्वरित निराकरण तथा विभागों में संचालित योजनाओं के हितलाभ प्रकरण तैयार करने के लिये कलेक्टर श्री ऋषि गर्ग के निर्देश अनुसार ‘‘वसुमता क्लस्टर कैम्प’’ आयोजित किये जा रहे हैं । इसी क्रम में  गत दिनों  ‘‘वसुमता क्लस्टर कैम्प‘‘ का आयोजन ग्राम पंचायत मोरगढ़ी मुख्यालय पर किया गया। कैम्प में मोरगढ़ी, सांगवामाल, छुरीखाल, मक्तापुर, जटपुरामाल, रामटेकरैयत, चिकलपाट, कुकड़ापानी, सांवलखेड़ा व जामन्याखुर्द गांव के 138 कृषक  और कृषि, उद्यानिकी, पशु पालन, मत्स्य पालन, सहकारिता, कृषि उपज मंडी एवं कृषि विज्ञान केन्द्र सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

कैम्प में पशुपालन विभाग द्वारा 35 पशुपालन क्रेडिट कार्ड वितरित किये गये तथा 15 पशुपालकों के आवेदन प्राप्त किये। इस दौरान कैम्प के समीप स्थित पशु औषधालय में 8 पशुओं का उपचार किया गया तथा 15 पशु पालकों को दवाई वितरण की गई। कैम्प में बकरी पालन, कुक्कुट पालन योजना की जानकारी भी दी गई। कैम्प में सहायक संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास ने कृषकों को प्राकृतिक कृषि एवं प्राकृतिक कृषि में उपयोग आने वाले अवयवों की जानकारी दी। इस दौरान कृषि विभाग द्वारा 6 कृषकों श्री धन्नालाल पतिराम भवरदी, श्री नगीनचंद हजारी, श्री रामोतार राधेश्याम, श्री सुभाष रामराज, श्री इमरतलाल चंदरसिंह भावरदी एवं श्री रामलाल रामप्रसाद मोरगढ़ी को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनार्न्तगत स्प्रिंकलर, ड्रीप एवं विद्युत पंप पर अनुदान की स्वीकृति पत्र प्रदान किये गये।

Advertisement
Advertisement

कैम्प में उद्यानिकी विभाग के ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी श्री गंभीर जाट द्वारा  योजनाओं  की जानकारी दी गई। कैम्प में पौध संरक्षण वैज्ञानिक डॉ ओमप्रकाश भारती द्वारा कॉलर रॉट, स्केलेरोसियम रॉट, ब्लाईट एवं उकटा रोग के लक्षणों के बारे में विस्तार से बताया गया तथा इन रोगों के नियंत्रण हेतु टेबुकोनॉजाल $ सल्फर, 400 ग्राम 100-125 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति एकड़ छिड़काव करने की सलाह दी गई। इस दौरान  गेहूं  में जड़माहू प्रकोप के लक्षण बताये गये तथा नियंत्रण हेतु क्लोरोपॉयरीफास 20 ई.सी. 600 मि.ली. प्रति एकड़ की दर से 100-125 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करने की सलाह दी गई। चने की इल्ली – इमामेक्टिन बेन्जोएट 5 प्रतिशत की 1 एकड़ के लिए 125 ग्राम पानी में घोलकर प्रति एकड़ छिड़काव करने की सलाह दी गई एवं बताया गया कि, दूसरा स्प्रे की आवश्यकता हो तब दूसरा कीटनाशी उपयोग करें।

महत्वपूर्ण खबर: कपास मंडी रेट (26 दिसम्बर 2022 के अनुसार)

Advertisement8
Advertisement

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्राम )

Advertisement8
Advertisement

Advertisements
Advertisement5
Advertisement