गुजरात में 1 साल में पांच गुना बढ़ा सेक्स सॉर्टेड सीमेन का इस्तेमाल, एक लाख से ज्यादा पशु शामिल
22 दिसंबर 2025, भोपाल: गुजरात में 1 साल में पांच गुना बढ़ा सेक्स सॉर्टेड सीमेन का इस्तेमाल, एक लाख से ज्यादा पशु शामिल – पशुपालकों के लिए गुजरात से एक बड़ी और राहत भरी खबर सामने आई है। राज्य सरकार द्वारा सेक्स सॉर्टेड सीमेन की कीमत में भारी कटौती किए जाने के बाद इसके उपयोग में बीते एक वर्ष के भीतर लगभग पांच गुना बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इस तकनीक के जरिए पशुपालक पहले से यह तय कर सकते हैं कि पैदा होने वाला बछड़ा नर होगा या मादा, जिससे दूध उत्पादन बढ़ाने और आवारा पशुओं की समस्या को कम करने में मदद मिल रही है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, गुजरात में साल 2024 के दौरान एक लाख से अधिक पशुओं को सेक्स सॉर्टेड सीमेन की खुराक दी गई। यह बढ़ोतरी उस फैसले के बाद देखने को मिली, जब राज्य सरकार ने इसकी एक खुराक की कीमत 300 रुपये से घटाकर मात्र 50 रुपये कर दी। कीमत कम होते ही पशुपालकों में इस तकनीक को अपनाने का भरोसा तेजी से बढ़ा और सीमेन की मांग में रिकॉर्ड इजाफा हुआ।
कीमत घटते ही बढ़ा उपयोग
गुजरात में सेक्स सॉर्टेड सीमेन तकनीक का इस्तेमाल वर्ष 2022-23 से किया जा रहा है, लेकिन शुरुआती दो वर्षों में इसकी रफ्तार धीमी रही। 2022-23 में करीब 25,746 पशुओं और 2023-24 में लगभग 25,620 पशुओं को ही यह खुराक दी गई थी। बड़ा बदलाव वर्ष 2024 में आया, जब कीमत घटने के बाद एक ही साल में 1,30,925 पशुओं को सेक्स सॉर्टेड सीमेन दिया गया, जो पहले की तुलना में करीब पांच गुना अधिक है।
94 प्रतिशत तक मादा बछड़ों का जन्म
इस तकनीक की सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गुजरात में सेक्स सॉर्टेड सीमेन से पैदा हुए लगभग 94 प्रतिशत बछड़े मादा हैं। इस प्रक्रिया में X-क्रोमोसोम वाले शुक्राणुओं को Y-क्रोमोसोम वाले शुक्राणुओं से अलग किया जाता है, जिससे बछड़े के लिंग का पहले से निर्धारण संभव हो पाता है। मादा बछड़े दूध उत्पादन और पशुधन विस्तार के लिहाज से पशुपालकों के लिए ज्यादा लाभकारी माने जाते हैं।
देश में 128 लाख खुराक का उत्पादन
भारत सरकार के अनुसार, देश में वर्तमान में पांच सरकारी और तीन निजी सीमेन परीक्षण केंद्र सेक्स सॉर्टेड सीमेन के उत्पादन में सक्रिय हैं। गुजरात, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में सरकारी केंद्र स्थापित हैं। निजी केंद्रों सहित अब तक देशभर में कुल 128 लाख सेक्स सॉर्टेड सीमेन की खुराक का उत्पादन किया जा चुका है, जिससे पशुपालन क्षेत्र में तकनीकी बदलाव को मजबूती मिली है।
NDDB की भूमिका रही अहम
राष्ट्रीय दुग्ध विकास बोर्ड (NDDB) ने इस तकनीक पर राज्यों में लागू होने से कई साल पहले काम शुरू कर दिया था। 2018-19 तक स्वदेशी सेक्स सॉर्टेड सीमेन पर अनुसंधान किया गया और 2020-21 में एनडीडीबी के सीमेन केंद्र में पहली मादा बछिया के जन्म के साथ इसका सफल प्रयोग दर्ज किया गया। बाद में लागत घटाने और उत्पादन बढ़ाने पर फोकस किया गया, जिससे गुजरात जैसे राज्यों में इसे बड़े स्तर पर अपनाने का रास्ता साफ हुआ।
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