State News (राज्य कृषि समाचार)

बुरहानपुर जिले में कृषि क्षेत्र में बढ़ा ड्रोन तकनीक का उपयोग

Share

ड्रोन से हो रही समय और श्रम की बचत

12 फरवरी 2024, बुरहानपुर: बुरहानपुर जिले में कृषि क्षेत्र में बढ़ा ड्रोन तकनीक का उपयोग – बुरहानपुर जिले में ड्रोन तकनीक का उपयोग कृषि क्षेत्र में भरपूर रूप से किया जा रहा है। यहां के किसान अपने खेत में फसल पर कीटनाशकों के छिड़काव में ड्रोन का उपयोग कर रहे हैं । पहले किसानों को पारम्परिक रूप से स्प्रे पंप  से कीटनाशक का छिडकाव करने में एक एकड़  में  5 -6  घंटे का समय और श्रम लगता था, जबकि अब अत्याधुनिक ड्रोन से एक एकड़ फसल में कीटनाशक का छिड़काव करने में मात्र 10 मिनट का समय लगता है तथा एक समान रूप से  छिड़काव  भी होता है। घोल के  माइक्रोफाइन कण पत्तियों पर पूर्ण रूप से फैलते हैं ,जिससे फसल अच्छी रहती है। जिले में 250 किसानों ने ड्रोन तकनीक से फसलों पर छिड़काव किया है। जिले में अत्याधुनिक ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग बाढ़ आपदा में राहत कार्यों,  कानून व्यवस्था के साथ – साथ कृषि क्षेत्र में भी सफलतापूर्वक किया जा रहा है।

छिड़काव में आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स का उपयोग- ग्राम देड़तलाई के कृषक श्री शिवचरण धानुक की  साढ़े चार  एकड़ क्षेत्र में गन्ना फसल एवं ग्राम शेखपुरा कृषक श्री संतोष महाजन की 4 एकड़ फसल पर अत्याधुनिक ड्रोन के माध्यम से कीटनाशक का छिड़काव किया गया है।  ड्रोन के  माध्यम से कीटनाशक, फफूंदनाशक, निंदानाशक तथा नैनो यूरिया, नैनो डीएपी का भी छिड़काव किया जा सकता है। ड्रोन द्वारा जिस खेत में छिड़काव करना है, उसका नक्शा बनाने के लिये तथा उतने ही क्षेत्र में छिड़काव के लिये आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स का उपयोग किया जाता है। जिसके कारण खेत की सीमा के बाहर छिड़काव नहीं होता है। ड्रोन से छिड़काव करने के लिये मौसम खुला होना चाहिए तथा छिड़काव के बाद कम से कम 3 घण्टेे तक वर्षा नहीं होनी चाहिये।

ड्रोन तकनीक काफी मददगार  -खेत में ड्रोन के छिड़काव से  लाभान्वित  ग्राम बहादरपुर के कृषक श्री रवि काले बताते  हैं  कि 3 एकड़ केले के खेत में नैनो डीएपी और नैनो यूरिया का छिड़काव किया है। यह काफी  मददगार साबित हुआ है। इससे बहुत समय बचा है। इससे फसलें सुरक्षित और खेत की जमीन भी उपजाऊ होती है। उन्होंने कहा कि तीन एकड़ केले के खेत में नैनो डीएपी और फंगस नाशक का छिड़काव ड्रोन के माध्यम से करने पर अच्छे परिणाम मिले हैं। एक तो ड्रोन के अंदर दवा बहुत ही आसानी एवं व्यवस्थित अनुपात में रखी जाती है। ड्रोन से कीटनाशक ओस की बूंदों जैसा गिरता है, जिसका प्रभाव फसल पर बहुत ही अच्छा दिखाई देता है। उन्होंने यह महसूस किया है कि स्प्रे पंप के मुकाबले ड्रोन से छिड़काव करने से अधिक फायदा मिला है। इससे प्रेरित होकर दूसरे किसान भी इसकी  ओर आकर्षित हो रहे हैं। सरकार की इस  सुविधा का हमें फायदा हो रहा है और इससे हमारी आय भी बढ़ रही है।

श्रमिक श्रम एवं समय की होती है बचत – कृषक श्री कडु मेहरा कहते है कि मेरा  ढाई एकड़  का खेत दरगाह -ए – हकीमी रोड पर स्थित है। खेत में गन्ना फसल पर कीटनाशक दवा का छिड़काव किया है। अत्याधुनिक ड्रोन तकनीक के माध्यम से कीटनाशक छिड़काव करना एक अच्छा तरीका है। जिससे श्रमिक श्रम और समय की भी बचत होती है। अन्य  कृषक  भी अपने -अपने खेतों में छिड़काव हेतु अत्याधुनिक ड्रोन का इस्तेमाल करें, क्योंकि आने वाले समय में यह तकनीक किसानों के लिए कारगर  रहेगी, जिससे कृषकों को मदद मिलेगी । ग्राम निमंदड़ में कृषक श्री अक्षय किरण, दापोरा के कृषक श्री दशरथ रघुनाथ महाजन, श्री शिवराज वामन महाजन,श्री अशोक किसन  पाटिल ,श्री युवराज बाजीराव  पाटिल ,श्रीराम मधुकर पाटिल  इत्यादि कृषकों ने अपनी -अपनी फसलों में ड्रोन के द्वारा कीटनाशक का  छिड़काव  किया है।

250 किसानों ने अपनाई ड्रोन तकनीक –  जानकारी अनुसार जिले में अब तक लगभग 250 किसानों द्वारा लगभग 2 हजार 640 एकड़ रकबे में विभिन्न प्रकार के कीटनाशक,फफुंदनाशक जैसे हेक्साफोनेजोल,थायोफेनेटमेथाइल, प्रोपेकोनेजोल, एमामेक्टिन बेंजोएट  प्रोफेनोफास, एमिनो एसिड,  माइक्रो  न्यूट्रिएंट  एवं नैनो यूरिया का स्प्रे केला, अरहर, मक्का, गन्ना आदि फसलों पर किया गया है। एक  एकड़  क्षेत्र में ड्रोन से स्प्रे  करने में 400 रूपये खर्च होता है। घोल के माईक्रोफाईन कण पत्तियों पर पूर्ण रूप से फैलते हैं  जिससे फसल अच्छी रहती है तथा एक समान रूप से छिड़काव होता है। मजदूरों की कमी वाले क्षेत्र, उंचाई वाली  फसलों एवं  बड़े  रकबे में सीमित समय  में  छिड़काव हेतु ड्रोन उपयोगी सिद्ध होता है। इसके साथ ही कृषकों की रूचि को देखते हुए प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। हैदरपुर निवासी कृषक श्री तुषार नारखेड़े एवं हतनूर की सुश्री पूनम को ड्रोन से छिड़काव हेतु प्रशिक्षण दिया जाकर लायसेंस दिया गया है।  

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्राम)

Share
Advertisements