राज्य कृषि समाचार (State News)

सीहोर में सोयाबीन एवं मक्का की उन्नत तकनीक पर प्रशिक्षण आयोजित

11 जून 2024, सीहोर: सीहोर में सोयाबीन एवं मक्का की उन्नत तकनीक पर प्रशिक्षण आयोजित – सोयाबीन एवं मक्का फसल की उन्नत तकनीक  विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व, इछावर एवं सह प्रशासक, सीआरडीई कृषि विज्ञान केंद्र, सेवनिया सेवनिया में किया गया।  जिसमें  केंद्र प्रमुख श्री धर्मेन्द्र पटेल, सहायक संचालक कृषि श्री अनिल जाट,  वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री वी के शर्मा, सहित जिले के विभिन्न विकास खण्डों के 55 कृषि विस्तार अधिकारियों ने भाग लिया।

केन्द्र प्रमुख द्वारा कार्यक्रम के उद्देश्य एवं महत्व पर विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुये वर्तमान समय में जिले के कृषकों द्वारा खरीफ मौसम में बुवाई की जाने वाली फसलों की तैयारी का कार्य चल रहा है। उन्होंने सभी कृषि विस्तार अधिकारी को कहा कि कृषको के मध्य पहुंच कर कृषि की उन्नत तकनीकों जैसे- बुवाई पूर्व खेतों की तैयारी, खाद उर्वरक प्रबंधन, बीजों का चयन, किस्मों का चयन, बीजोपचार इत्यादि की नवीन कृषि तकनीकों को कृषकों तक पहुंचाना है। जिससे कि कृषक समुदाय लाभान्वित हो सके।

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सहायक संचालक कृषि श्री अनिल जाट, द्वारा सभी कृषि विस्तार अधिकारियों को सोयाबीन फसल की बुवाई के लिए ब्राड बेड फरो व रिज फरो के साथ सीड कम फर्टी ड्रील से बुवाई करने के लिए आग्रह किया, साथ ही मक्का फसल की उत्पादन तकनीक पर भी चर्चा करते  हुए  शासन की लाभकारी योजनाओं के व्यापक प्रचार- प्रसार की बात कही गयी। प्रशिक्षण कार्यक्रम विशेषज्ञ डॉ. देवेन्द्र पाटिल द्वारा सोयाबीन व मक्का फसल की उन्नत प्रौद्योगिकी पर प्रस्तुतीकरण कर सोयाबीन एवं मक्का फसल की उन्नत तकनीक, खेती की तैयारी, उन्नत किस्मों का चयन, बीजोपचार, कीट- व्याधि प्रबंधन के साथ सिंचाई जल प्रबंधन पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी। उन्होने सोयाबीन फसल की उन्नत किस्में जे एस 22-12, जे एस 22-16, एन आर सी 150, एन आर सी 181, जे एस-2172, जे एस-2309, जे एस-20-116 के अतिरिक्त विभिन्न किस्मों की जानकारी प्रदान की। आपने  सोयाबीन की बुवाई के लिए मेढ़ नाली पद्धति के साथ ब्राड बेड फरो विधि से बुवाई की बात कही एवं फसलों में प्रारम्भिक दौर में खरपतवार के नियन्त्रण के लिए  अनुशंसित खरपतवारनाशियों की भी विस्तारपूर्वक चर्चा की। 

प्रशिक्षण कार्यक्रम में  बीजों को बुवाई पूर्व बीजोपचार के लिए जैविक खेती कृषकों के लिए ट्राइकोडर्मा विरीडी, बवेरिया बेसियाना व एन पी के कन्सोटिया से उपचार की सलाह दी एवं अन्य कृषकों को पूर्व से मिश्रित फफूंद नाशक , पेनफ्लूफेन + टायफ्लोक्सिट्रोबीन 1 मिली/ किग्रा बीज या एजोक्सीस्ट्रोबीन +  थायोफिनेट मिथाईल + थायोमिथाक्साम 02 मिली/किग्रा बीज से बीज उपचार करने की बात कही गयी। साथ ही सोयाबीन फसल में पोषक तत्व प्रबंधन के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर अनुप्रयोग की सलाह दी गई ।

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