गेहूं उद्योग को वैश्विक मंच पर ले जाएगा यह कॉन्क्लेव, 24-25 अप्रैल को होगा आयोजन
18 अप्रैल 2025, इंदौर: गेहूं उद्योग को वैश्विक मंच पर ले जाएगा यह कॉन्क्लेव, 24-25 अप्रैल को होगा आयोजन – भारत के गेहूं उद्योग को वैश्विक स्तर पर नई पहचान दिलाने के लिए इंदौर में एक बड़ा आयोजन होने जा रहा है। व्हीट प्रोडक्ट्स प्रमोशन सोसाइटी (डब्ल्यूपीपीएस) द्वारा आयोजित डब्ल्यूपीपीएस सीईओ कॉन्क्लेव 2025 24 और 25 अप्रैल को इंदौर के मैरियट होटल में होगा। यह दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्क्लेव गेहूं और गेहूं आधारित उत्पादों के क्षेत्र में नवाचार, स्थिरता और बाजार विस्तार पर केंद्रित है।
थीम: सतत विकास और वैश्विक नेतृत्व
कॉन्क्लेव का मुख्य विषय है- “गेहूं और गेहूं आधारित उत्पाद: सतत विकास और बाज़ार नेतृत्व के लिए सहयोग”। आयोजन में 400 से अधिक उद्योग विशेषज्ञ, अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि, नीति निर्माता, तकनीकी विशेषज्ञ और खाद्य नवाचार से जुड़े पेशेवर हिस्सा लेंगे। यह मंच गेहूं की आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने, नीति-उद्योग समन्वय को बढ़ाने और वैश्विक व्यापार के नए अवसरों पर चर्चा के लिए तैयार किया गया है।
24 अप्रैल को कॉन्क्लेव का उद्घाटन सत्र होगा, जिसमें कई बड़े नाम शामिल होंगे। इनमें एम.पी. रोलर फ्लोर मिल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील अग्रवाल, डब्ल्यूपीपीएस के चेयरमैन अजय गोयल, सीरियल्स कनाडा के सीईओ डीन डायस (वर्चुअल), ऑस्ट्रेड के जॉन साउथवेल, डेलॉइट इंडिया के पार्टनर अविनाश चंदानी, नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के सचिव डॉ. सुभ्रतो गुप्ता और पतंजलि फूड्स लिमिटेड के सीईओ संजीव अस्थाना शामिल हैं।
डब्ल्यूपीपीएस के चेयरमैन अजय गोयल ने कहा, “यह कॉन्क्लेव भारत के गेहूं उद्योग को वैश्विक मानकों पर प्रतिस्पर्धी बनाने का एक प्रयास है। हमारा लक्ष्य व्यापार विस्तार के साथ-साथ पोषण, टिकाऊ उत्पादन और तकनीकी एकीकरण जैसे मुद्दों पर गंभीर चर्चा को बढ़ावा देना है। यह आयोजन किसानों, उद्यमियों और नीति निर्माताओं के लिए नई संभावनाएं खोलेगा।”
दो दिनों में क्या होगा खास?
डब्ल्यूपीपीएस के ट्रेज़रर आदि नारायण गुप्ता ने बताया कि कॉन्क्लेव में दो दिनों के दौरान नौ थीम आधारित सत्र होंगे। ये सत्र सतत आपूर्ति श्रृंखला, स्मार्ट मिलिंग, खाद्य नवाचार, फोर्टिफिकेशन, बेकिंग तकनीक में एआई और आईओटी का उपयोग, निर्यात संभावनाएं, महिला उद्यमिता, डिजिटल वित्त और जलवायु अनुकूल गेहूं किस्मों जैसे विषयों पर केंद्रित होंगे। नेस्ले, बिम्बो बेकरीज़, ओलम एग्री, लुई ड्रेफस कंपनी, सीएसआईआर-सीएफटीआरआई और आईआईएम कोलकाता जैसे वैश्विक संस्थानों के विशेषज्ञ भी अपने विचार साझा करेंगे।
24 अप्रैल की शाम को डब्ल्यूपीपीएस अवॉर्ड सेरेमनी और नेटवर्किंग डिनर होगा, जहां उद्योग में उत्कृष्ट योगदान देने वालों को सम्मानित किया जाएगा। यह आयोजन सहयोग और साझेदारी को बढ़ाने का भी मौका देगा।
मध्य प्रदेश की भूमिका
मध्य प्रदेश, जो इस कॉन्क्लेव की मेजबानी कर रहा है, भारत के गेहूं उत्पादन में अग्रणी है। ‘शरबती’, ‘मालवा राज’, ‘पोषण’ और ‘लोक-1’ जैसी उच्च गुणवत्ता वाली गेहूं किस्मों के लिए यह राज्य वैश्विक स्तर पर जाना जाता है। इस आयोजन के जरिए मध्य प्रदेश की प्रोसेसिंग क्षमता, निर्यात संभावनाओं और कृषि आधारित स्टार्टअप्स को वैश्विक मंच मिलेगा।
वैश्विक खाद्य प्रणाली में भारत की भूमिका
यह कॉन्क्लेव भारत को वैश्विक खाद्य प्रणाली में अहम भूमिका निभाने की दिशा में एक कदम है। आयोजन के जरिए उद्योग की मौजूदा चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा होगी, साथ ही भविष्य की रणनीतियां भी तैयार की जाएंगी। यह मध्य प्रदेश को वैश्विक कृषि-व्यवसाय नवाचार केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में भी एक प्रयास है।
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