युवाओं के लिए किसान ड्रोन पायलट बनने की राह आसान: श्री चौधरी
इंदौर में दूसरे ड्रोन स्कूल का शुभारंभ करेंगे कृषि मंत्री
संचालक कृषि अभियांत्रिकी से कृषक जगत की बातचीत
लेखक: अतुल सक्सेना, वरिष्ठ पत्रकार
23 नवंबर 2024, भोपाल: युवाओं के लिए किसान ड्रोन पायलट बनने की राह आसान: श्री चौधरी – प्रदेश सरकार भोपाल के बाद इंदौर में इस माह एक और ड्रोन स्कूल शुरू करने जा रही है, जिससे राज्य के ग्रामीण युवा ड्रोन पायलट बनने के लिए प्रशिक्षित हो सकेंगे। इस स्कूल का उद्घाटन 25 नवम्बर को कृषि मंत्री ऐदल सिंह कंषाना करेंगे । कृषि क्षेत्र में ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए, राज्य सरकार ने हाल ही में डीजीसीए (डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन) से ड्रोन पायलट प्रशिक्षण की मान्यता प्राप्त की है, और अब इंदौर में एक और रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन (क्रक्कञ्जह्र) की स्थापना की जा रही है। इस ड्रोन स्कूल की स्थापना के लिए कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय, मध्यप्रदेश और सेंटर फॉर एयरोस्पेस रिसर्च, अन्ना विश्वविद्यालय, चेन्नई के साथ एमओयू हुआ है। यह जानकारी संचालक कृषि अभियांत्रिकी श्री राजीव चौधरी ने कृषक जगत को एक विशेष मुलाकात में दी।
ड्रोन टेक्नीशियन ट्रेनिंग
श्री चौधरी ने बताया कि ड्रोन के क्षेत्र में प्रदेश निरंतर आगे बढ़ रहा है। अब ड्रोन पायलट ट्रेनिंग के दो स्कूल होने के साथ ही एक ड्रोन टेक्नीशियन केन्द्र भी जबलपुर में खोला गया है। जिसका शुभारंभ इसी माह गत 11 नवम्बर को कृषि उत्पादन आयुक्त मो. सुलेमान ने किया। इस टेक्नीशियन केन्द्र में प्रशिक्षण के लिए 5000 रुपए के साथ जीएसटी की फीस अलग रखी गई है।
ड्रोन री-असेम्बलिंग करेंगे
संचालक कृषि अभियांत्रिकी ने बताया कि एनआईटीटीआर भोपाल के सहयोग से ड्रोन टेक्नीशियन प्रशिक्षण दिया जाएगा । उन्होंने ट्रेनिंग के संबंध मे कहा कि यह पांच दिन की ट्रेनिंग होगी और एक दिन की परीक्षा भी होगी। इस ड्रोन टेक्नीशियन ट्रेनिंग में बहुत से ड्रोन पायलेट भी शामिल होंगे जिससे उनके कौशल में और निखार आयेगा। श्री चौधरी ने ड्रोन तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम के संबंध में विशेष जानकारी देते हुए बताया कि इसमें प्रशिक्षणार्थी ड्रोन को खोलेंगे, उसकी तकनीक को समझेंगे और फिर उसको री-असेम्बलिंग करेंगे। रिवर्स इंजीनियरिंग से उनमें तकनीकी कौशल बढ़ेगा, जिससे कभी यदि ड्रोन खराब हो तो उसे वह सुधार सकें। श्री चौधरी ने बताया कि प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से चलाई जा रही नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत इस वर्ष प्रदेश के लगभग 215 महिला स्वसहायता समूहों को ड्रोन दिया जाएगा तथा प्रशिक्षण भी होगा।
प्रदेश का दूसरा ड्रोन स्कूल
संचालक अभियांत्रिकी ने प्रदेश में खुलने वाले दूसरे ड्रोन स्कूल के संबंध में बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा किसानों को ड्रोन उपयोग के लिए प्रोत्साहन देने की मंशा के मुताबिक कृषि यंत्रीकरण क्षेत्र में ‘कौशल विकास योजनाÓ के तहत, इंदौर में प्रारंभ होने वाला यह ड्रोन स्कूल 7 दिनों का एक व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेगा। इस प्रशिक्षण में 5 ड्रोन होंगे, और एक बैच में 20 प्रशिक्षुओं को ड्रोन पायलट लाइसेंस प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। सेंटर फॉर एयरोस्पेस रिसर्च, अन्ना विश्वविद्यालय, चेन्नई के अनुसार, यह स्कूल डीजीसीए के मानकों के अनुसार ड्रोन उड़ाने की पूरी प्रक्रिया सिखाएगा।
न्यूनतम फीस और आवेदन प्रक्रिया
श्री चौधरी ने बताया कि, इस क्रक्कञ्जह्र में प्रशिक्षण की फीस केवल 15,000 रुपये होगी, इसके अतिरिक्त जीएसटी लागू होगा, जिससे फीस 17700 होगी, जो कि अन्य प्रशिक्षण केंद्रों के मुकाबले काफी कम है।, सामान्यत: ड्रोन पायलट प्रशिक्षण की फीस 60,000 रुपये से अधिक होती है। उन्होंने बताया कि ड्रोन पायलट के लिए अब 10वीं पास व्यक्ति भी आवेदन कर सकते हैं। आवेदक की आयु 18 से 65 वर्ष के बीच होनी चाहिए। आवेदन करने के लिए आवेदक के पास वैध भारतीय पासपोर्ट या सरकारी पहचान पत्र, पते का प्रमाण, मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड, या ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए। आवेदन करने के समय आवेदक को अपना मेडिकल फिटनेस प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
संचालक कृषि अभियांत्रिकी ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम कौशल विकास केंद्र इंदौर में 25 नवंबर 2024 से शुरू होगा. प्रशिक्षण के लिए आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन होगी और इसमें मध्यप्रदेश के इच्छुक युवा भाग ले सकते हैं. प्रशिक्षणार्थियों का चयन प्रथम आओ प्रथम पाओ के आधार पर किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इच्छुक युवा द्धह्लह्लश्चह्य://द्घड्डह्म्द्वद्गह्म्.द्वश्चस्रड्डद्दद्ग.शह्म्द्द/ पर आवेदन कर सकते हैं. चयन प्रक्रिया में कौशल परीक्षा और साक्षात्कार शामिल होंगे. सफल प्रशिक्षणार्थियों को भारत सरकार का ड्रोन पायलट प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा.
ड्रोन अनुदान योजना
श्री चौधरी ने बताया कि, शासन कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत किसानों को ड्रोन खरीदने पर अनुदान देगा । व्यक्तिगत श्रेणी के कृषक, कस्टम हायरिंग केंद्र संचालक, और कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) ड्रोन पर अनुदान के लिए आवेदन कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि भारत सरकार की गाइड लाईन के तहत अलग-अलग वर्ग को अलग-अलग अनुदान देय होगा। औसतन लगभग 10 लाख रुपए तक कीमत के ड्रोन विक्रय के लिए देश भर की लगभग 11 कम्पनियों ने पंजीयन कराया है।
ड्रोन के फायदे
संचालक अभियांत्रिकी ने बताया कि ड्रोन की मदद से अब कृषि क्षेत्र में कार्यों में तेजी लाई जा सकती है। ये बड़े कृषि क्षेत्रों में बीज व कीटनाशक छिड़कने, सर्वेक्षण करने में मददगार साबित होंगे। मध्यप्रदेश के युवा इन सभी तकनीकी कार्यों में दक्षता प्राप्त करेंगे, जिससे वे रोजगार के नए अवसरों से जुड़ सकेंगे।उन्होंने बताया कि ड्रोन से फसलों की निगरानी, बीमारियों को जल्दी पकड़ा जा सकता है और उपज में सुधार किया जा सकता है. ड्रोन से खरपतवार, संक्रमण, और कीटों से प्रभावित क्षेत्रों का , खोए हुए जानवरों का पता चलता है. इससे फसलों का सटीक मानचित्र तैयार किया जा सकता है.
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