फसल नुकसान का जायजा लेने गांव-गांव पहुंचे कलेक्टर, किसानों को दी कीट नियंत्रण की सलाह
18 सितम्बर 2025, भोपाल: फसल नुकसान का जायजा लेने गांव-गांव पहुंचे कलेक्टर, किसानों को दी कीट नियंत्रण की सलाह – मध्यप्रदेश के खंडवा कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने रविवार को पंधाना विकासखण्ड के कई गांवों का दौरा कर खेतों में जाकर सोयाबीन की फसलों का निरीक्षण किया। उन्होंने खेतों में जाकर फसल की स्थिति का जायजा लिया और किसानों से सीधे बातचीत कर उनकी समस्याएं सुनीं। इस दौरान उनके साथ उप संचालक कृषि नितेश कुमार यादव, पंधाना की एसडीएम सुश्री दीक्षा भगोरे, कृषि वैज्ञानिक डॉ. सौरभ गुप्ता सहित राजस्व और कृषि विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
कलेक्टर ने अपने दौरे के दौरान ग्राम रुस्तमपुर, सुल्तानपुर, पाबईकलां, टाकलीकलां, शेखपुरा, रामपुरा और पाचम्बा जैसे गांवों में जाकर फसलों को हुए नुकसान की स्थिति देखी। उन्होंने किसानों से विस्तार से चर्चा कर फसल की स्थिति, कीट-रोग और उनकी खेती की तकनीकों की जानकारी ली।
किसानों को दी गई सलाह
कृषि विभाग के अधिकारियों और कृषि वैज्ञानिकों ने इस मौके पर किसानों को बताया कि उन्हें सोयाबीन की नई किस्मों का उपयोग करना चाहिए और संतुलित मात्रा में उर्वरकों का उपयोग करना चाहिए। साथ ही समय पर कीट और रोग नियंत्रण के उपाय अपनाने, जैविक खेती को बढ़ावा देने और अरबी, अदरक, हल्दी जैसी उद्यानिकी फसलों की खेती करने की सलाह दी गई।
वैज्ञानिकों ने बताया कि वर्तमान में सोयाबीन की फसलों पर तना मक्खी, गर्डल बीटल, सफेद मक्खी जैसे कीटों और पीला मोजेक, एन्थ्रेकनोज जैसे रोगों का प्रभाव देखा जा रहा है। इनसे फसलों को भारी नुकसान हो सकता है, इसलिए किसानों को सतर्क रहना जरूरी है।
कीट नियंत्रण के उपाय
कृषि वैज्ञानिक डॉ. सौरभ गुप्ता ने किसानों को कीट नियंत्रण के लिए विशेष दवाइयों के छिड़काव की सलाह दी। उन्होंने बताया कि फ्लोनिकेमिड 50 प्रतिशत WG 200 ग्राम प्रति हेक्टेयर, या थायोमिथाक्सम + लेम्डासायहेलोथ्रिन 125 मिली प्रति हेक्टेयर, या एसिटेमीप्रीड 25 प्रतिशत + बायफेथ्रिन 25 प्रतिशत WG (250 ग्राम/हेक्टेयर), अथवा एमामेक्टिन बेंजोएट + थायोमिथाक्सम (1 ग्राम प्रति लीटर पानी) का छिड़काव करने से कीटों पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
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