कलेक्टर ने किया पशुपालक से सीधा संवाद
30 दिसंबर 2025, झाबुआ: कलेक्टर ने किया पशुपालक से सीधा संवाद – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने तथा दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के उद्देश्य से प्रदेशभर में “दुग्ध समृद्धि सम्पर्क अभियान” का द्वितीय चरण 17 दिसंबर से संचालित किया जा रहा है। अभियान के अंतर्गत जिले में ऐसे पशुपालकों से प्रत्यक्ष संवाद किया जा रहा है, जिनके पास 10 या उससे अधिक मादा पशु हैं। अभियान का उद्देश्य पशुपालकों की समस्याओं, आवश्यकताओं और अनुभवों को समझते हुए उन्हें आधुनिक पशुपालन तकनीक, कृत्रिम गर्भाधान, संतुलित पशु आहार एवं नस्ल सुधार से जोड़ना है।
दुग्ध समृद्धि सम्पर्क अभियान के द्वितीय चरण के तहत कलेक्टर नेहा मीना ने विकासखंड रामा के ग्राम नवापाड़ा में पशुपालक श्री रमेश जामसिंह वास्केल के निवास पर पहुंचकर गृहभेंट की एवं उनसे पशुपालन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की। इस दौरान कलेक्टर ने उन्हें नस्ल सुधार, पशु पोषण एवं पशु स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विषयों के प्रति जागरूक किया।
पशुपालक श्री रमेश वास्केल ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2017 में उद्योग विभाग से 7 लाख रुपये का ऋण लेकर पशुपालन व्यवसाय की शुरुआत की थी। प्रारंभ में 5 भैंसों से शुरू किया गया यह कार्य आज एक सफल डेयरी व्यवसाय के रूप में स्थापित हो चुका है। वर्तमान में उनके पास 3 गाय एवं 12 भैंसें हैं। पशुओं के उपचार, टीकाकरण एवं कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा पशुपालन विभाग के माध्यम से नियमित रूप से उपलब्ध कराई जा रही है। मुख्यमंत्री डेयरी प्लस योजना अंतर्गत उन्हें 75 प्रतिशत शासकीय अनुदान पर हरियाणा के सिरसा से 2 मुर्रा नस्ल की भैंस प्राप्त हुई हैं। श्री वास्केल द्वारा प्रतिदिन लगभग 120 लीटर दूध का उत्पादन किया जाता है, जिसमें से 60 लीटर सांची दुग्ध समिति नरवाली डेयरी को एवं शेष 60 लीटर खुले बाजार में विक्रय किया जाता है। इससे उन्हें प्रतिमाह लगभग 1 लाख 70 हजार रुपये की आय प्राप्त होती है, जिसमें से व्यय घटाने के पश्चात लगभग 90 हजार रुपये की मासिक बचत हो जाती है। पशुपालन विभाग से उन्हें चाफ कटर, चारा बीज उपलब्ध कराया गया है तथा सभी पशुओं का बीमा भी कराया गया है। इसके साथ ही उन्हें गत वर्ष दुग्ध उत्पादन के लिए गोपाल पुरस्कार में तृतीय स्थान प्राप्त हुआ, जिसके अंतर्गत 11 हजार रुपये का नगद पुरस्कार प्रदान किया गया। उन्होंने आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजना के अंतर्गत आवेदन भी किया है, जिसे बैंक में प्रेषित किया गया है।
कलेक्टर नेहा मीना ने पशुपालक से पशु स्वास्थ्य एवं नस्ल सुधार के संबंध में चर्चा करते हुए निर्देश दिए कि बीमार पशुओं की सूचना समय पर पशु चिकित्सकों को दी जाए, जिससे त्वरित उपचार संभव हो। उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र में पशुपालकों को जैविक खाद एवं वर्मी कम्पोस्ट निर्माण, सेक्स सॉर्टेड सीमेन से कृत्रिम गर्भाधान, साइलेज निर्माण एवं दुग्ध उत्पादन वृद्धि से संबंधित प्रशिक्षण दिलाने के निर्देश दिए। साथ ही आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजना के आवेदन का बैंक स्तर पर फॉलो अप कर शीघ्र स्वीकृति प्रदान करने के निर्देश भी दिए।
इस अवसर पर पशुपालन विभाग के उप संचालक डॉ. ए.एस. दिवाकर ने पशुपालकों को दुग्ध उत्पादन बढ़ाने हेतु साइलेज एवं हरे चारे के उपयोग के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि साइलेज भूसे की तुलना में अधिक पौष्टिक, स्वादिष्ट एवं किफायती होता है तथा पशुओं के पाचन के लिए अत्यंत लाभकारी है। उन्होंने पशुपालकों को घर पर ही साइलेज तैयार करने की प्रक्रिया की जानकारी भी दी तथा गोबर अपशिष्ट प्रबंधन एवं गैस प्लांट स्थापना हेतु कृषि विज्ञान केंद्र में प्रशिक्षण लेने के लिए प्रेरित किया। इस दौरान तहसीलदार रामा श्री प्रमेश जैन, पशुपालन विभाग के अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।
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