राज्य कृषि समाचार (State News)

पेलेट्स बनाने में होगा पराली का उपयोग

18 जुलाई 2025, श्योपुर: पेलेट्स बनाने में होगा पराली का उपयोग – कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट श्री अर्पित वर्मा ने पराली फ्री डिस्ट्रिक्ट बनाने की मुहिम को और अधिक गति प्रदान करते हुए आज पराली से  पेलेट्स बनाने वाले इंडस्ट्रियलिस्ट के साथ बैठक कर इस सीजन-नो पराली के संबंध में विस्तृत कार्य योजना तैयार की गई, इस दौरान सीईओ जिला पंचायत श्री अतेन्द्र सिंह गुर्जर, उप संचालक कृषि श्री जीके पचौरिया, डीपीएम एनआरएलएम श्री सोहन कृष्ण मुदगल, सहायक संचालक उद्योग श्री शुभम अग्निहोत्री सहित स्थानीय उद्यमी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट श्री अर्पित वर्मा ने जिले में संचालित पराली आधारित उद्योगों के  संचालकों से चर्चा करते हुए कहा कि अपने-अपने स्तर पर पंजाब से बेलर मशीन उपलब्ध कराने के प्रयास सुनिश्चित  किए जाएं  ।  उन्होंने  कहा कि शुरुआत में 5-5 हजार टन पराली स्थानीय इंडस्ट्रियलिस्ट खरीदेंगे, जिसका दो रुपये किलो के हिसाब से भुगतान भी देय होगा। उन्होने कहा कि  पेलेट्स  बनाने में पराली का उपयोग करने वाले उद्योगों के लिए यह एक अच्छा अवसर है, जिले में धान के रकबे को दृष्टिगत रखते हुए प्रचुर मात्रा में पराली की उपलब्धता है। इस वेस्ट मटेरियल को प्रोसेसिंग के माध्यम से उपयोगी बनाया जा सकता है और पावर प्लांट को सप्लाई किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में पंजाब के बेलर संचालको से ही पूर्व में ही चर्चा कर ली जाये तथा धान कटने के समय ही कम से कम 100 बेलर की जिले में उपलब्धता सुनिश्चित कर ली जायें। इसके साथ ही उन्होने एनआरएलएम के अधिकारियों को निर्देश दिये कि कम से कम 100 स्व सहायता समूहों को शासन की 80 प्रतिशत अनुदान योजना के तहत बेलर उपलब्ध कराने की प्रक्रिया की  जाए ।  उन्होंने  कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश  दिए  कि ग्रामवार  कृषकों की लिस्ट पूर्व से ही तैयार कर रखी  जाए तथा समय आने पर पराली काटने का कार्य 15 दिन की समय सीमा में किया  जाए ।

Advertisement
Advertisement

इस अवसर पर पराली आधारित उद्योग से  जुड़े   संचालकों  ने बताया कि जिले में आधा दर्जन के लगभग इंडस्ट्रीज संचालित है, जो  पेलेट्स और ब्रेकेट बनाने का कार्य कर रहे है।  उन्होंने  जानकारी दी कि धान की पराली से  पेलेट्स  बनाए जाएंगे , जिनकी डिमांड पावर प्लांट के लिए होती है।  उन्होंने  यह भी सहमति व्यक्त की कि वे शुरूआत में सभी कम से कम 5-5 हजार टन पराली का क्रय करेंगे, इसके उपरांत और पराली खरीदेंगे।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Advertisement8
Advertisement

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

Advertisement8
Advertisement

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements
Advertisement5
Advertisement