ग्रामीण महिलाओं के समृद्धि की ओर बढ़ते कदम
31 दिसंबर 2024, भोपाल: ग्रामीण महिलाओं के समृद्धि की ओर बढ़ते कदम – प्रदेश सरकार का महिला मिशन महिलाओं के आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक और राजनीतिक विकास को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ उन्हें सम्मान और सुरक्षा प्रदान करने के लिए समर्पित है। सरकार ने महिलाओं के समग्र विकास को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा है। इस मिशन के तहत, महिलाओं को उद्यमिता, कौशल विकास, शिक्षा और रोजगार के अधिक अवसर दिये जा रहे हैं। मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) ने ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मिशन के अंतर्गत संचालित योजनाओं का प्रभाव ग्रामीण परिवारों के जीवन में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
मध्यप्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत गरीब परिवार के लगभग 62 लाख सदस्यों को, लगभग 5 लाख स्व-सहायता समूहों से जोडा गया है। इनमें से लगभग 15 लाख परिवारों की सालाना आय न्यूनतम 1 लाख से अधिक अथवा करीब 10-12 हजार रुपये महीने तक पहुंची है। यह आंकडे मध्यप्रदेश में आर्थिक उन्नयन के प्रयासों की सफलता को दर्शाते हैं।
समूहों के माध्यम से छोटे-छोटे व्यवसायों की शुरुआत
इस मिशन के तहत महिलाओं को स्व सहायता समूह बनाकर कई प्रकार के व्यवसायों की शुरुआत करने का अवसर मिला। इन व्यवसायों में स्कूली ड्रेस सिलाई, पोषण आहार का संचालन, टोल टैक्स बैरियर प्रबंधन, राशन की दुकानों का संचालन, जल प्रबंधन, पंचायतों में कर संग्रहण और सड़कों के रख-रखाव जैसी गतिविधियां शामिल हैं। इससे महिला सशक्तिकरण के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिली। मिशन के समूहों से जुड़े परिवारों को आजीविका के एक से अधिक विकल्प उपलब्ध कराने के लिये लगातार प्रशिक्षण, मार्गदर्शन के साथ-साथ वित्तीय सहयोग भी दिया जा रहा है।
विगत एक वर्ष में मिशन के अंतर्गत 48,655 महिलाओं को स्व-सहायता समूहों से जोड़ा जा चुका है। इसके साथ ही 479 ग्राम संगठन (व्ही.ओ.) और 35 संकुल स्तरीय संगठन (सी.एल.एफ) स्थापित किए गए हैं, जो ग्रामीण महिलाओं को संगठित कर उनके सामाजिक-आर्थिक उत्थान में योगदान दे रहे हैं।
मिशन ने 21,860 स्व-सहायता समूहों को कुल 43.57 करोड़ रुपये परिक्रामी निधि (रिवाल्विंग फण्ड) और 14,657 समूहों को 129.92 करोड़ रुपये सामुदायिक निवेश निधि (सीआईएफ) प्रदान की है। इसके अलावा, विभिन्न बैंकों से 1,38,192 समूहों को 3,115 करोड़ रुपये का ऋण प्राप्त हुआ है, जो इन समूहों के आर्थिक विकास में सहायक बन रहा है।
नवीनतम तकनीकी और उद्योग आधारित आजीविका अवसर
स्वयं सहायता समूहों को स्थायी व्यवसाय और आजीविका के उद्देश्य से नमो ड्रोन दीदी योजना प्रारम्भ की गयी। यह योजना महिला स्वयं सहायता समूहों को कृषि प्रयोजनों के लिए किसानों को ड्रोन किराए पर देने में सक्षम बनाती है नैनो यूरिया और नैनो डीएपी जैसे नवीन तरल उर्वरकों के पत्तों पर छिड़काव के लिए ड्रोन का उपयोग से कृषि में उन्नत तकनीक की शुरुआत करती है। योजना मे इस वर्ष प्रदेश की 89 महिलाओं को ड्रोन पायलट के रूप में प्रशिक्षित किया गया है। इसके अलावा, फर्टिलाइजर कंपनियों द्वारा ड्रोन भी उपलब्ध कराए गए हैं, जो कृषि कार्यों में आधुनिक तकनीकी का उपयोग बढ़ा रहे हैं।
कृषि और पशुपालन में नई दिशा
कृषि, पशुपालन, दुग्ध उत्पादन तथा गैर वानिकी लघु वनोपज संग्रहण के क्षेत्र में भी आजीविका मिशन द्वारा बडे पैमाने पर समूह सदस्यों को संगठित कर प्रोड्यूसर कंपनियों से जोड कर लाभान्वित किया गया है। प्रदेश में गठित 135 प्रोड्यूसर कंपनियों के माध्यम से कृषि, कुक्कुट पालन, पशुपालन, दुग्ध उत्पादन, लघु वनोपज आदि के क्षेत्र में नई क्रांति लाने में कामयाबी मिली है।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: