कम पूंजी में शुरू करें बकरी पालन, MP सरकार दे रही 60% तक सब्सिडी; जानिए पूरी योजना
25 दिसंबर 2025, भोपाल: कम पूंजी में शुरू करें बकरी पालन, MP सरकार दे रही 60% तक सब्सिडी; जानिए पूरी योजना – मध्य प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में खेती के साथ-साथ पशुपालन हमेशा से आय का एक मजबूत जरिया रहा है। इनमें बकरी पालन सबसे आसान और कम खर्च वाला व्यवसाय माना जाता है। इसी को बढ़ावा देने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने बकरी पालन योजना शुरू की है, जिससे छोटे और गरीब किसानों की आमदनी बढ़ाई जा सके।
क्या है MP सरकार की बकरी पालन योजना
मध्य प्रदेश सरकार की यह योजना पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा संचालित की जा रही है। योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार को बढ़ावा देना और किसानों को आत्मनिर्भर बनाना है। इसके तहत हितग्राहियों को 10 मादा और 1 नर बकरी की एक यूनिट उपलब्ध कराई जाती है।
इस बकरी पालन यूनिट की कुल लागत लगभग 77 हजार रुपये निर्धारित की गई है। योजना के तहत सामान्य वर्ग के हितग्राहियों को 40 प्रतिशत, जबकि अनुसूचित जाति एवं जनजाति (SC/ST) वर्ग के हितग्राहियों को 60 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है। शेष राशि बैंक ऋण के माध्यम से उपलब्ध कराई जाती है, जिससे किसान बिना अधिक आर्थिक बोझ के बकरी पालन का व्यवसाय शुरू कर सकें।
सरकार की दो प्रमुख बकरी पालन योजनाएं
राज्य सरकार बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए दो खास योजनाएं चला रही है—
1. नर बकरी आपूर्ति योजना
इस योजना के तहत उन्नत नस्ल के नर बकरे उपलब्ध कराए जाते हैं, जिससे बकरियों की नस्ल में सुधार होता है और दूध व मांस उत्पादन बढ़ता है।
2. बकरी इकाई स्थापना योजना
इस योजना में 10 मादा और 1 नर बकरी की यूनिट पर सब्सिडी के साथ बैंक लोन की सुविधा दी जाती है, ताकि किसान बिना ज्यादा आर्थिक बोझ के व्यवसाय शुरू कर सकें।
आवेदन प्रक्रिया क्या है
इस योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक किसान अपने नजदीकी पशुपालन विभाग या पशु चिकित्सालय में संपर्क कर सकते हैं। आवेदन स्वीकृत होने के बाद बैंक द्वारा लोन दिया जाता है और सब्सिडी की राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है।
इसके लिए ग्राम सभा और जनपद पंचायत की स्वीकृति आवश्यक होती है। कई मामलों में विभाग द्वारा बकरी पालन से जुड़ी प्रशिक्षण व्यवस्था भी की जाती है।
क्यों फायदेमंद है बकरी पालन
बकरी पालन ऐसा व्यवसाय है जिसे कम पूंजी में शुरू किया जा सकता है। बकरियों की देखभाल आसान होती है और दूध, मांस व बच्चों की बिक्री से नियमित आमदनी होती है। सरकार की इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में किसान और युवा नौकरी की तलाश छोड़कर स्वरोजगार की ओर बढ़ रहे हैं।
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