सोसायटी से मिला एसएसपी खाद दो हफ्ते बाद भी नहीं घुला
08 जुलाई 2025, (दिलीप दसौंधी, मंडलेश्वर): सोसायटी से मिला एसएसपी खाद दो हफ्ते बाद भी नहीं घुला – किसानों के साथ उर्वरक में धोखाधड़ी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताज़ा मामला महेश्वर तहसील का सामने आया है। आदिम जाति सेवा सहकारी समिति , पिपल्या से खरीदे गए दानेदार एसएसपी उर्वरक का जब कपास की फसल में उपयोग किया तो दो हफ्ते बाद भी उक्त उर्वरक ज़मीन में नहीं घुला। इस मामले को लेकर राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने खरगोन में कलेक्टर कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा। किसानों द्वारा अमानक खाद बनाने वाली कम्पनी के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की गई ।
पीड़ित किसान और राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के प्रान्त मंत्री श्री रामेश्वर गुर्जर ( बिर्ला ) ने कृषक जगत को बताया कि आदिम जाति सेवा सहकारी समिति , पिपल्या से खरीदे गए दानेदार ज़िंकेटेड एसएसपी उर्वरक ( ब्रांड नेम बलराम ) का 4 एकड़ में बोई गई कपास की फसल में उपयोग किया था। लेकिन उक्त उर्वरक ज़मीन में घुला ही नहीं , जबकि यूरिया और पोटाश आदि उर्वरक घुल गए। चार दिन बाद भी जब यह उर्वरक नहीं घुला तो एक डिब्बे में 500 ग्राम यही उर्वरक लेकर उसे घोलने का प्रयोग किया , लेकिन तब भी वह नहीं घुला। आज दो हफ्ते हो गए हैं , लेकिन यह उर्वरक अभी भी नहीं घुला है। इससे यह साबित हो गया कि सोसायटी से अमानक एसएसपी उर्वरक दिया गया। इसी बात को लेकर हमारे किसान संगठन राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने खरगोन में कलेक्टर कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया और ज्ञापन सौंपकर अमानक खाद बनाने वाली कम्पनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई। कलेक्टर ने कहा कि जिले कि सभी सहकारी समितियों से उर्वरक के नमूने एकत्रित कर उसकी जांच कराएंगे।
इस संबंध में राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ की महेश्वर तहसील इकाई के अध्यक्ष श्री हेमेंद्र पाटीदार ने कृषक जगत को बताया कि रासायनिक खाद घुलनशील होते हैं। इनके घुलने से ही पौधे को पोषक तत्व मिलते हैं। जबकि इस मामले में बलराम ब्रांड का एसएसपी घुला ही नहीं। इससे किसान का जो नुकसान हुआ उसके लिए कौन जिम्मेदार है? सोसायटियों द्वारा किसानों को अमानक उर्वरक बेचा जा रहा है। जबकि किसानों को प्रतिष्ठित कंपनियों का गुणवत्तापूर्ण खाद समितियों से बेचा जाना चाहिए। कृषि विभाग भी कोई कार्रवाई नहीं करता है। संबंधित कम्पनी के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।
श्री मानसिंह ठाकुर , अनुविभागीय कृषि अधिकारी , महेश्वर ने कृषक जगत को बताया कि राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ की शिकायत पर आदिम जाति सेवा सहकारी समिति , पिपल्या से संबंधित उर्वरक के सैंपल एकत्रित कर वरिष्ठ कार्यालय उप संचालक कृषि , खरगोन को भेज दिए हैं। जहां से उक्त नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे जाएंगे।
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