राज्य कृषि समाचार (State News)

छत्तीसगढ़ में नैनो डीएपी के भंडारण और वितरण की विशेष व्यवस्था

13 जुलाई 2025, भोपाल: छत्तीसगढ़ में नैनो डीएपी के भंडारण और वितरण की विशेष व्यवस्था – छत्तीसगढ़  में डीएपी की कमी होने की बात सामने आ रही है लेकिन वहां की सरकार ने किसानों की परेशानी को देखते हुए  इसके व्यवहारिक विकल्प के रूप में नैनो डीएपी के भंडारण एवं वितरण की विशेष व्यवस्था की है।

इसके साथ ही एनपीके और एसएसपी जैसे वैकल्पिक  उर्वरकों का भी लक्ष्य से अधिक मात्रा में भंडारण कराया गया है। खेती में ठोस डीएपी  उर्वरक की कमी को पूरा करने के लिए किसानों को उसके विकल्प के अनुरूप कृषि वैज्ञानिकों के सुझाव के अनुरूप नैनो डीएपी अथवा एनपीके और सिंगल सुपर फास्फेट खाद की मात्रा का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है।

Advertisement
Advertisement

खेती की लागत होगी कम

हाल ही में विकसित नैनो डीएपी एक आधुनिक, किफायती और प्रभावशाली तरल उर्वरक है। जो पारंपरिक डीएपी की तुलना में कहीं अधिक उपयोगी और पोषक तत्वों से भरपूर है।

नैनो डीएपी का समर्थन

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के वैज्ञानिकों ने नैनो डीएपी का समर्थन करते हुए कहा है कि इसके उपयोग से खेती की लागत में कमी आती है। नैनो डीएपी खेत में पोषण की कमी को प्रभावी ढंग से पूरा करता है और उत्पादन की गुणवत्ता को भी बढ़ाता है। नैनो डीएपी पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित है। एक एकड़ धान की फसल के लिए एक बोरी ठोस डीएपी का उपयोग होता है। जिसकी लागत 1350 रूपए होती है, जबकि एक एकड़ में 25 किलो ठोस डीएपी और 500 मिली नैनो डीएपी के मिश्रण का उपयोग किया जाए तो इसकी लागत घटकर 1275 रूपए आती है।

Advertisement8
Advertisement

नैनो डीएपी की उपयोग की विधि की विस्तार से जानकारी दी

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों ने एक एकड़ धान की खेती के लिए नैनो डीएपी की उपयोग की विधि की विस्तार से जानकारी दी है। इसके अनुसार नैनो डीएपी की मात्र साढ़े 600 मिली मात्रा एक एकड़ धान की खेती में लगती है। धान की बुआई से पहले एक एकड़ के लिए 30 किलो बीज को 150 मिली नैनो डीएपी को तीन लीटर पानी में घोलकर उसमें बीज उपचारित कर आधा घंटा छाया में सुखाने के बाद बुआई की जाती है। रोपाई के समय 50 लीटर पानी में 250 मिली नैनो डीएपी को मिलाकर उसमें थरहा की जड़ों को आधा घंटा डूबाकर रखने के बाद रोपाई तथा फसल बुआई के तीस दिन बाद 125 लीटर पानी में 250 मिली नैनो डीएपी को घोलकर खड़ी फसल पर इसका छिड़काव करना होता है। इससे फसलों को पोषक तत्व मिल जाते है।

Advertisement8
Advertisement

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements
Advertisement5
Advertisement