राज्य कृषि समाचार (State News)

बारिश की खेंच से सोयाबीन किसान चिंतित, उत्पादन पर पड़ेगा असर

31 अगस्त 2023, देपालपुर(शैलेष ठाकुर, देपालपुर): बारिश की खेंच से सोयाबीन किसान चिंतित, उत्पादन पर पड़ेगा असर – इन दिनों देपालपुर क्षेत्र में बारिश की खेंच से सोयाबीन किसान चिंतित हैं।किसानों ने सोयाबीन का अधिक उत्पादन लेने के लिए नवीन किस्में महंगे दामों पर खरीद कर बोई है। फसल की कीट व रोगों से बचाव के लिए भी कई प्रयत्न किए हैं , जिससे लागत बढ़ी है । ऐसे में बारिश की बेरुखी से सोयाबीन के उत्पादन पर असर पड़ने की आशंका है।  

उल्लेखनीय है कि देपालपुर एवं आसपास के सभी क्षेत्रों  में कई  दिनों से बारिश नहीं होने से सोयाबीन की फसल कमजोर हो रही है। अगेती किस्मो में सोयाबीन में दाना कमजोर एवम पछेती  किस्मों में फूल झड़ रहे हैं । धूप तेज़ पड़ने से ज़मीन  में दरारें पड़ने लगी है। यदि अब भी वर्षा नहीं हुई, तो सोयाबीन उत्पादक किसानों को बहुत नुकसान उठाना पड़ेगा। आसपास के गांव बिरगोदा, बेगंदा, चांदेर देपालपुर , खड़ी, बरोदा,बनेडिया, गोकलपुर, गौतमपुरा सहित पूरे देपालपुर क्षेत्र की फसलों को पानी की सख्त आवश्यकता है। किसान क्लब अध्यक्ष श्री मनोहर ठाकोर बिरगोदा ने कहा गांव में फसल बहुत अच्छी है ,उत्पादन भी अच्छा होता , लेकिन बारिश नही होने से काफी नुकसान होगा। यहीं  के श्री हरिओम सोनगरा ने कहा कि ये चिंता का विषय है।  मेरी तो डबल बोनी हुई थी। पहले ही आधा घाटा हो गया था अब बारिश नहीं होने से  पूरा नुकसान हो जाएगा । श्री विक्रम बड़वाया ने बताया मेरी 9560 सोयाबीन पकने की कगार पर है।  मैंने बोरिंग चालू किया है।सेमदा के किसान श्री गजराज परमार ने बताया कि मेरे अलावा  यहां के पदम सिंह, रामरतन ,मेहरबान, शालिग्राम , पवन ,छतर सिंह ,प्रेम सिंह चौधरी ,सुरेश सिंह, बद्रीलाल ,लखन ,तोलाराम जैसे  कई किसान हैं, जिनकी सोयाबीन की फसल पानी की कमी के कारण पूरी तरह से सूख चुकी है।  किसान श्री रवि दयाल, चित्तोड़ा ने बताया किया सोयाबीन  फसल में बारिश की कमी से अनेक प्रकार के रोग होंगे और उत्पादन में  भारी गिरावट आयेगी। जल संकट के कारण रबी सीजन में भी इसका असर देखने को मिलेगा।

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भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान , इंदौर के कृषि वैज्ञानिक डॉ श्री बी. यू. दुपारे ने कृषक जगत को बताया कि सोयाबीन फसल को नमी की आवश्यकता है , जिसकी पूर्ति सिंचाई से ही की जा सकती है। जिन किसानों के पास सिंचाई के साधन है ,तो उन्हें जरूर पानी देना चाहिए। ज्यादा दरार पड़ने के बाद पानी देने से नुकसान होगा और बारिश से भी। इसलिए समय से व्यवस्था करें। हमारे संस्थान में भी विभिन्न किस्मों की सोयाबीन फसल में सिंचाई शुरू कर दी है। अभी सोयाबीन फसल को ज़्यादा नुकसान नहीं हुआ है। यदि बारिश हो भी जाती है ( हालाँकि अभी कोई सिस्टम सक्रिय नहीं है ) तो ,सोयाबीन में थोड़ा झटका लग सकता है। फसल थोड़ी पीली पड़ती है,जो वापस ठीक भी हो जाती है।

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