राज्य कृषि समाचार (State News)

रिनोवेशन से विंध्याचल, सतपुड़ा भवन को खतरा

9 करोड़ में अलग बन सकता था कृषि संचालनालय का भवन

  • (अतुल सक्सेना)

24 अप्रैल 2023, भोपाल रिनोवेशन से विंध्याचल, सतपुड़ा भवन को खतरा – म.प्र. की राजधानी भोपाल की सुन्दरता में चार चांद लगाने वाली अरेरा हिल्स पहाड़ी पर बनी तीन भव्य इमारत वल्लभ भवन, सतपुड़ा एवं विंध्याचल का अस्तित्व अब खतरे में नजर आने लगा है। पुनर्निर्माण के इस दौर में इनकी दीवारें खोखली होती जा रही हैं जिससे इमारत के कमजोर होने का तथा उसमें कार्य करने वाले अधिकारियों- कर्मचारियों की जान-माल का खतरा पैदा हो गया है। परन्तु इस दिशा में जिम्मेदारों का ध्यान नहीं है तथा बिल्डिंग के हर फ्लोर पर रिनोवेशन धड़ल्ले से किया जा रहा है। वर्तमान में 40 वर्ष पुराने विंध्याचल भवन स्थित कृषि विभाग में ही तीसरी बार रिनोवेशन का कार्य हो रहा है, अब तक लगभग 9 करोड़ से अधिक की राशि रिनोवेशन पर खर्च की गई है, लोगों का कहना है कि इतने में कृषि विभाग का अलग संचालनालय भवन बनाया जा सकता था।

राजधानी की शान मंत्रालय वल्लभ भवन वर्ष 1964 में बना था, इसमें अभी हाल के वर्षों में दो नए विंग बनाकर इसका विस्तार किया गया है परन्तु 59 साल पुरानी बिल्डिंग में तोड़-फोड़ नहीं की गई है जो उचित है। वहीं सतपुड़ा भवन भी लगभग 40 वर्ष पुराना है इसमें कई विभागों के संचालनालय हैं तथा अपनी-अपनी सुविधा और मर्जी के मुताबिक रिनोवेशन का कार्य करवा रहे हैं और तोड़-फोड़ से भवन कमजोर हो रहा है।

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इसी प्रकार तीसरा प्रमुख भवन विंध्याचल है यह भी लगभग 40 वर्ष पुराना है, इसमें मुख्यत: कृषि, ग्रामीण विकास, सहकारिता, उद्यानिकी, राज्य योजना आयोग, विधि विभाग है। जिसमें 6 हजार कर्मचारी-अधिकारी कार्यरत हैं। सभी विभागों में एक-दो बार रिनोवेशन का कार्य हो गया है। सूत्रों के मुताबिक कृषि विभाग में तीसरी बार वर्ष 2022 में तत्कालीन संचालक श्रीमती प्रीति मैथिल के कार्यकाल में लगभग 5 करोड़ की लागत से रिनोवेशन प्रारंभ कराया गया था जो वर्तमान में जारी है। इसके पूर्व वर्ष 2000 में सर्वप्रथम तत्कालीन कृषि संचालक डॉ. जी.एस. कौशल के कार्यकाल में रिनोवेशन कराया गया था। इसके पश्चात दूसरी बार वर्ष 2012 में लगभग 4 करोड़ की लागत से कृषि संचालनालय का रिनोवेशन हुआ था।

यहां कहने का तात्पर्य यह है कि बनी हुई इमारत में बार-बार तोड़-फोड़ होने पर इमारत कमजोर होती है। यह बात सभी विभागों के जिम्मेदारों को समझने की जरूरत है। रिनोवेशन पर खर्च की जा रही राशि से कार्यालय में अन्य जरूरी आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सकती है। जैसे फायर, लिफ्ट, पीने का पानी, साफ-सफाई, टेबल-कुर्सी, वाहन आदि।

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जहां तक कृषि विभाग का सवाल है तो अब तक रिनोवेशन पर खर्च की गई लगभग 9 करोड़ की राशि से कृषि संचालनालय का एक अलग आलीशान भवन तैयार कराया जा सकता था जिसमें सम्पूर्ण सुविधाएं उपलब्ध होती। परन्तु सरकार एवं जिम्मेदार जो चाहेंगे वही होगा।

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बहरहाल रिनोवेशन से कार्यालय आधुनिक तथा आकर्षक बनाया जा सकता है, परन्तु बिल्डिंग की सुरक्षा, मजबूती तथा अधिकारी-कर्मचारी की कीमत पर नहीं।

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