राज्य कृषि समाचार (State News)

राजस्थान: पीएम फसल बीमा योजना के तहत ₹6,206 करोड़ का क्लेम वितरित

02 नवंबर 2025, जयपुर: राजस्थान: पीएम फसल बीमा योजना के तहत ₹6,206 करोड़ का क्लेम वितरित – प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने और इसके क्रियान्वयन में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए शुक्रवार को पंत कृषि भवन के सभा कक्ष में कृषि एवं उद्यानिकी मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत राज्य के बीमित कृषकों को अब तक 6 हजार 206 करोड़ रुपये का क्लेम वितरित किया जा चुका है।

कृषि मंत्री ने बीमा कंपनी अधिकारियों को निर्देशित किया कि बीमा क्लेम में आ रही समस्याएं, क्लेम सेटलमेंट और पोस्ट हार्वेस्टिंग से संबंधित प्रकरणों का समाधान कर किसानों को जल्द से जल्द बीमा क्लेम उपलब्ध कराया जाये। पारदर्शी फसल कटाई प्रयोग प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए शत—प्रतिशत फसल कटाई प्रयोग ऑनलाईन संपादित किये जायें।

उन्होंने बताया कि ऑनलाईन फसल कटाई प्रयोगों में राजस्थान देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। फसल कटाई प्रयोगों का आयोजन कार्यक्रम के अनुसार ही संपादित किया जाये। उन्होंने राजस्व विभाग और कृषि विभाग के जिलों में पदस्थापित अधिकारियों का दो दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम रखकर फसल बीमा योजना संबंधि जानकारियों का प्रशिक्षण देने के लिए कहा। जिससे अधिकारी फिल्ड में रहकर बीमा क्लेम में आ रही समस्याओं का समाधान कर सकें।

डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि राज्य में डीएपी व यूरिया पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। राज्य सरकार किसानों को गुणवत्ता पूर्ण उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए सदैव प्रयासरत है। राज्य सरकार भारत सरकार से समन्वय बनाकर अधिकाधिक डीएपी व यूरिया की आपूर्ती के लिए प्रयासरत है। उर्वरकों की कालाबाजारी, जमाखोरी एवं नकली उर्वरकों पर अंकुश लगाने के लिए कृषि विभाग द्वारा समय समय पर विशेष गुण नियंत्रण अभियान चलाये जाते हैं। उन्होंने जिले में पदस्थापित विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे जमाखोरी व कालाबाजारी का पूर्ण ध्यान रखें और बोर्डर ऐरिया के जिले चेकपोस्ट स्थापित कर यूरिया व डीएपी के डाईवर्जन को रोकें।

शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी राजन विशाल ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का मुख्य उद्देश्य अवांछित प्राकृतिक घटनाक्रम के कारण फसल हानि होने पर कृषकों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना, कृषकों की आय को सुदृढ़ करना, जिससे वे कृषि कार्य सुचारू रूप से कर सकें और किसानों को नवीन व आधुनिक कृषि कार्यां के लिए प्रोत्साहित करना है। उन्होंने बताया कि फसल बीमा के लिए किसानों द्वारा खरीफ फसलों के लिए 2 प्रतिशत, रबी फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत और बागवानी फसलों के लिए 5 प्रतिशत प्रिमियम देय है। शेष प्रिमियम अनुदान के रूप में राज्य व केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाता है।

बैठक में आयुक्त कृषि एवं उद्यानिकी चिन्मयी गोपाल, अतिरिक्त निदेशक कृषि (आदान) गोपाल लाल जाट, बीमा कम्पनी प्रतिनिधी उपस्थित रहे और सभी अतिरिक्त निदेशक कृषि (विस्तार) खण्ड व सभी जिलों के संयुक्त निदशक कृषि जिला परिषद् वीसी के माध्यम से जुड़े।

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