जल स्रोतों में बारिश का पानी सहेजा जाएगा, कार्य योजना तैयार हो रही
29 अक्टूबर 2024, भोपाल: जल स्रोतों में बारिश का पानी सहेजा जाएगा, कार्य योजना तैयार हो रही – प्रदेश के जल स्रोतों में बारिश का पानी सहेजा जाएगा ताकि गर्मी के मौसम में पानी की परेशानी से लोगों को सामना नहीं करना पड़ेगा।
निकायों को शहरों में जल वितरण के अनुसार नदी, तालाब सहित अन्य जल स्रोतों में उसने पानी स्टोर की व्यवस्था करनी होगी। इसके लिए उन्हें वहां के नदी, तालाबों में जल संरक्षण पर काम करने के साथ उनके जल को शुद्ध करने पर काम करना होगा। शहरों की जरूरतों के अनुसार अगर उनके शहर में पानी संरक्षित होगा तो पानी की किल्लत और लो प्रेशर से पानी की सप्लाई की मार लोगों को नहीं झेलनी होगी।
नर्मदा का पानी भोपाल, इंदौर सहित पहुंचाने के लिए 150 करोड़ रुपए प्रति माह का बिल देना होता है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग और पर्यावरण विभाग इस पर एक कार्ययोजना तैयार कर रहा है, जिसमें शहर के जलस्रोतों में बारिश के पानी सहेजने के लिए उनका संरक्षण किया जाएगा। प्रदेश के नगरीय निकायों में भू-जल संरक्षण और प्रबंधन के लिए 33 नगरीय निकायों में भू-जल प्लान तैयार किया जा रहा है। 24 ने प्लान तैयार कर लिया है। सीहोर जिले के आष्टा में हर साल पार्वती नदी बारिश के एक दो माह बाद सूख जाती है। इसका कारण नदी का उथला होना है। इससे हर साल निकाय को रामपुरा डैम से पानी खरीदना पड़ता है जिसका भुगतान करना पड़ता है। जल संरक्षण में काम कर रहे लोगों और वैज्ञानिकों, पर्यावरण के जानकारों से सुझाव लिए गए हैं। पर्यावरण विभाग के माध्यम से एक वर्कशॉप भी आयोजित की गई थी।
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