राज्य कृषि समाचार (State News)

उज्जैन में सिंहस्थ 2028 को लेकर तैयारी शुरू

शिप्रा स्नान, महाकाल दर्शन व भीड़ नियंत्रण को लेकर बिंदुवार चर्चा

06 फ़रवरी 2025, उज्जैन: उज्जैन में सिंहस्थ 2028 को लेकर तैयारी शुरू – धर्मधानी उज्जैन में सिंहस्थ 2028 को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। मध्य प्रदेश के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा उज्जैन पहुंचकर योजनाओं के बारे में अधिकारियों से चर्चा की।

शिप्रा स्नान, महाकाल दर्शन व भीड़ नियंत्रण को लेकर बिंदुवार चर्चा हो रही है, लेकिन इन सब के अलावा शहर के प्राचीन मंदिरों के उन्नयन का प्लान भी तैयार किया जा रहा है। इनमें महाकाल वन में स्थित चौरासी महादेव के मंदिर विशेष हैं। उज्जैन विकास प्राधिकरण द्वार करीब 30 करोड़ रुपये की लागत से इन्हें संवारने का प्लान तैयार किया जा रहा है। उज्जैन विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी संदीप कुमार सोनी ने बताया कि चौरासी महादेव मंदिरों का विकास प्राथमिकता से किया जा रहा है। प्रतिवर्ष देशभर से हजारों भक्त चौरासी महादेव के दर्शन करने उज्जैन आते हैं।

श्रावण व अधिक मास में चौरासी महादेव दर्शन यात्रा भी निकाली जाती है। देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं प्राप्त हों इसको लेकर समग्र योजना बनाई जा रही है। सलाहकार से मंदिरों का अध्ययन कराकर डिजाइन तैयार कराई गई है।

इन चीजों का होगा निर्माण

विचार-विमर्श के बाद, जो योजना तैयार हुई है, उसमें मंदिरों का विकास, आसपास की खाली जमीन का विकास, बाउंड्रीवाल, पहुंच मार्ग, रंगरोगन, लाइटिंग, हरियाली तथा नाली आदि का निर्माण शामिल है। जिन मंदिरों में जिस प्रकार के काम की आवश्यकता होगी, वह कराया जाएगा। कुल मिलाकर मंदिरों के संपूर्ण विकास की योजना बनाई गई है।

पिछले सिंहस्थ में भी हुआ था काम

चौरासी महादेव मंदिरों को लेकर सिंहस्थ 2016 में भी योजना बनाई गई थी। इसके तहत कई मंदिरों में परिसर आदि का निर्माण भी कराया गया था। प्राचीन मंदिर काले पत्थरों से निर्मित हैं, लेकिन शिखर पर रंग-रोगन तथा मरम्मत आदि के काम किए गए थे। इस बार महापर्व के पहले से संधारण शुरू होगा, इससे काम में गुणवत्ता भी बनी रहेगी।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements