राज्य कृषि समाचार (State News)फसल की खेती (Crop Cultivation)

रबी सीजन की तैयारी: राजस्थान में डीएपी की जगह एसएसपी और यूरिया अपनाने पर जोर, 2 से 15 सितंबर तक किसान संगोष्ठियों का आयोजन

02 सितम्बर 2024, जयपुर: रबी सीजन की तैयारी: राजस्थान में डीएपी की जगह एसएसपी और यूरिया अपनाने पर जोर, 2 से 15 सितंबर तक किसान संगोष्ठियों का आयोजन – आगामी रबी सीजन की तैयारियों के मद्देनजर राजस्थान के दौसा जिले का कृषि विभाग पूरी तरह से सक्रिय हो गया है। मानसून की अच्छी वर्षा के चलते बांधों, जलाशयों और फॉर्म पौंड में पानी की भरपूर उपलब्धता ने फसलों के क्षेत्रफल में वृद्धि की संभावना को मजबूत किया है। इस अवसर को भुनाने के लिए, कृषि विभाग ने किसानों को डीएपी की बजाय सिंगल सुपर फास्फेट (एसएसपी) और यूरिया के उपयोग पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी है।

संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) दौसा, डॉ. प्रदीप कुमार अग्रवाल ने बताया कि किसानों में फॉस्फेटिक उर्वरक के रूप में डीएपी के प्रति अधिक निर्भरता के कारण इसकी मांग को पूरा करना मुश्किल हो जाता है, और इससे भूमि में संतुलित पोषक तत्वों की कमी भी हो जाती है। इस समस्या का समाधान करने और उर्वरकों के संतुलित उपयोग को बढ़ावा देने के लिए, कृषि विभाग ने 2 से 15 सितंबर तक जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर किसान संगोष्ठियों के आयोजन की योजना बनाई है। इन संगोष्ठियों में कृषि आदान विक्रेताओं और उर्वरक निर्माता कंपनियों के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाएगा।

कृषि अधिकारी अशोक कुमार मीणा ने किसानों को सलाह दी है कि वे बुवाई के समय डीएपी खाद के विकल्प के रूप में 1 बैग डीएपी के स्थान पर 3 बैग सिंगल सुपर फास्फेट (एसपी) व 1 बैग यूरिया का उपयोग करें। सिंगल सुपर फास्फेट में उपलब्ध फास्फोरस तत्व के अलावा अन्य आवश्यक पोषक तत्व यथा- सल्फर, जिंक सल्फेट, बोरोन आदि पोषक तत्व भी उपलब्ध होते हैं। 3 बैग सिंगल सुपर फास्फेट एवं 1 बैग यूरिया में उपलब्ध पोषक तत्वों की लागत डीएपी में उपलब्ध पोषक तत्वों की लागत से कम होती है। वर्तमान में उपयोग हो रहे उर्वरकों से N: P: K के आदर्श अनुपात 4:2:1 का असंतुलन भी हो रहा है।भूमि की उर्वरा शक्ति बनाए रखने एवं उर्वरकों के उपयोग में मुख्य पोषक तत्वों अर्थात N:P:K का अनुपात 4:2:1 बनाए रखने हेतु डीएपी के स्थान पर एसएसपी+यूरिया के अलावा एनपीके कॉम्प्लेक्स उर्वरक के विभिन्न ग्रेडस यथा – एनपीके 12:32:16, 20:20:0:13, 19:19: 19, 16:16:16, 15:15:15 आदि का उपयोग करना चाहिए। 

उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए कार्बनिक खादों का अधिक से अधिक उपयोग करने पर जोर दिया गया है, जिसमें गोबर खाद, वर्मी कम्पोस्ट, और नैनो यूरिया और नैनो डीएपी जैसे न्यूएज तरल उर्वरकों का उपयोग शामिल है। किसान अपने खेतों से मिट्टी के नमूने की जांच के आधार पर मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार उर्वरकों का सही उपयोग करें, ताकि फसल उत्पादन में वृद्धि हो सके और उर्वरक की लागत को कम किया जा सके।

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