राज्य कृषि समाचार (State News)फसल की खेती (Crop Cultivation)

आलू की बुवाई का सीजन जोरों पर

 खेत में 60-70% नमी होना आवश्यक 

12 नवंबर 2024, सतना: आलू की बुवाई का सीजन जोरों पर – आलू की बुवाई का सीजन जोरों पर है और किसानों के लिए यह समय अपने खेतों में एक बेहतरीन पैदावार की तैयारी करने का है. विशेषज्ञों के अनुसार, आलू की अच्छी फसल के लिए खेत में 60-70% नमी होना आवश्यक है, ताकि बीजों को शुरुआती दौर में ही पर्याप्त नमी मिल सके, जिससे उनकी वृद्धि बेहतर हो.

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बुवाई से पहले खेतों में गोबर की खाद और नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश जैसे तत्वों वाली उर्वरकों का उपयोग किया जाना चाहिए. कृषि विशेषज्ञों की सलाह है कि 75-100 किलोग्राम उर्वरक प्रति हेक्टेयर की मात्रा में डालने से पौधों को जरूरी पोषण मिलता है, जिससे उनकी जड़ें मजबूत होती हैं और फसल की वृद्धि में सहायक होती हैं. सतना के उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण विभाग  के उपसंचालक अनिल सिंह ने बताया कि सतना में अब आलू की बोनी मशीन सिस्टम, जिसे ‘पोटैटो प्लांटर’ कहते हैं, उससे की जा रही है. इस तकनीक की खासियत है कि इसमें खाद और बीज को एक साथ डालकर खेतों में आसानी से बुवाई की जाती है. यह मशीन एक घंटे में करीब एक एकड़ खेत की बुवाई कर देती है, जिससे समय और श्रम दोनों की बचत होती है.  अनिल सिंह ने बताया कि अभी ठंड कम है, लेकिन इससे आलू की फसल पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा. किसानों को आश्वासन दिया कि जल्द ही मौसम बुवाई के अनुकूल हो जाएगा और फसल को पर्याप्त ठंडक मिल सकेगी.

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