राज्य कृषि समाचार (State News)

कृषि एवं संबद्ध विभागों द्वारा झाबुआ में कृषक संगोष्ठी का आयोजन

07 सितम्बर 2023, झाबुआ: कृषि एवं संबद्ध विभागों द्वारा झाबुआ में कृषक संगोष्ठी का आयोजन – कृषि और संबद्ध विभागों की कृषक संगोष्ठी गत दिनों कृषि विज्ञान केन्द्र परिसर झाबुआ में आयोजित की गई। जिसमें प्राकृतिक कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, खाद्य प्रसंस्करण विपणन विषय पर चर्चा की गई , जिसमें विभागीय अधिकारियों के अलावा बड़ी संख्या में महिला -पुरुष किसान उपस्थित थे।

कृषक संगोष्ठी के मुख्य अतिथि श्री दिनेश वर्मा , जिला पंचायत के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने कहा कि झाबुआ जिले में बेहतर खेती किसानी के लिये अनुकूल जलवायु के साथ-साथ पर्याप्त प्राकृतिक, मानव संसाधन उपलब्ध है। झाबुआ जिले में फसलों की विविधता भी पर्याप्त है। किसान परम्परागत रूप से खेती किसानी की बारिक समझ रखते है। बदलते हुए मौसमीय परिवेश में किसानो को कम पानी मांग वाली नवीनतम किस्मों का चयन करना चाहिए । ग्रामीण विकास विभाग, आजिविका परियोजना द्वारा खेती में अधोसंरचनागत विकास और क्षमतावर्धन के लिये संचालित कार्यक्रम का किसानो को आगे आकर लाभ प्राप्त करना चाहिए। आपने विशेषकर महिला कृषकों को आजीविका परियोजना के कल्याणकारी कार्यक्रमों से बेहतर ढंग से जुड़कर लाभ लेने के लिये प्रेरित किया।

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श्री एन.एस.रावत, उप संचालक कृषि ने किसान समुदाय से आह्वान करते हुए कहा कि कृषकों को आजीविका उन्नयन के लिये खेती की लागत को नियंत्रित करते हुए उद्यानिकी, पशुपालन, मछली पालन जैसे उद्यम भी अपनाएं जाने चाहिए। घातक रसायनों पर पराधीनता को समाप्त करते हुए प्राकृतिक कृषि की विधाओं को लागू कर गुणवत्तायुक्त उत्पादन के साथ-साथ आय में भी वृद्धि की जा सकती है। मिलेट्स फसलों और प्राकृतिक उपज की बढती हुई मांग को ध्यान में रखते हुए जिले के किसानों को अपनी खेती की योजना में समुचित परिवर्तन करने की आवश्यकता है।कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रमुख और वैज्ञानिक डॉ. जगदीश मोर्य ने खरीफ की फसलों के प्रबंधन के साथ-साथ रबी मौसम की कार्ययोजना बनाये जाने के लिये तकनीकी बारीकियों से किसानों को परिचित कराया। वैज्ञानिक डॉ. आर.के.त्रिपाठी ने भी किसानों का मार्गदर्शन किया। गोष्ठी के दौरान महिला कृषक मंजू सोमला, मिथूडी रामला, शान्तु मेसु ने अपने खेतो पर अपनाई जा रही मिलेट फसलों के साथ-साथ प्राकृतिक खेती के लाभ और उत्साहजनक परिणामों के अनुभव किसानों के साथ साझा किये।

पशुपालन विभाग के डॉ. अमित दोहरे ने पशुपालन की विभिन्न समन्वित जानकारी देते हुए कड़कनाथ मुर्गीपालन के विभिन्न बिंदुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उद्यानिकी विभाग के श्री एस.आर.चौहान ने प्रचलित उद्यानिकी फसलों के साथ-साथ मसाला और औषधी फसलों की खेती प्रसंस्करण और विपणन की समझाइश किसानों को दी गई। प्राकृतिक खेती मास्टर ट्रेनर श्री बलवंत मावी द्वारा प्राकृतिक खेती के विभिन्न पहलुओं के बारे में किसानों को व्यावहारिक समझाईश दी गई।अंजना रावत द्वारा ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत संचालित किसान उन्मुखी योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी।कृषकों की जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए सहायक संचालक कृषि श्री एस.एस.मोर्य ने मिलेट्स की खेती आधारित कृषक परिचर्चा की सूत्रधारिता की। कार्यक्रम का संचालन श्री गोपाल मुलेवा तकनीकी सहायक द्वारा किया गया। आभार प्रदर्शन उप परियोजना संचालक आत्मा श्री एम.एस.धार्वे ने किया।

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