दाम नहीं मिलने से अब किसानों को रुला रहा है प्याज़
20 मई 2023, इंदौर: दाम नहीं मिलने से अब किसानों को रुला रहा है प्याज़ – इंदौर जिले में गत माह हुई बारिश और ओलावृष्टि से प्याज की फसल को भारी नुकसान हुआ । बारिश से खेतों में ही प्याज सड़ने लगा तो, किसानों ने निकाला, लेकिन उसकी गुणवत्ता खराब होने से मंडी में वाज़िब दाम नहीं मिलने से किसानों की लागत भी नहीं निकल रही है। इससे किसानों को दोहरा नुकसान हो रहा है।
इंदौर जिले में कई किसान हैं, जिनके द्वारा प्याज की फसल लगाई थी, जो बारिश के कारण खेत में ही सड़ गई। किसानों का कहना है कि पहले किसान भाव नहीं मिलने पर प्याज को संग्रहित कर लेता था, लेकिन अब फसल खराब होने से प्याज संग्रह करने लायक भी नहीं बचा है। मंडी में एक रूपए किलो भी भाव नहीं मिल रहा है।इस कारण किसान मंडी में बेचने ले जाने के बजाए प्याज को उखाड़ कर जानवरों को खिला रहे हैं ,या फेंक रहे हैं। ग्राम अटाहेड़ा तहसील देपालपुर के श्री यशवंत पटेल ने कृषक जगत को बताया कि एक बीघे में प्याज़ लगाया था , जिसमें बेमौसम बारिश से ज़मीन में ही सड़न लग गई। उसे निकालने और छाँटने में मजदूरी लग गई। छँटा हुआ प्याज़ मंडी में एक -डेढ़ रुपए किलो बिका। इससे लाभ तो दूर, लागत भी नहीं निकली। वहीं पंथ बड़ोदिया के श्री सतीश बड़वाया ने कृषक जगत को बताया कि दो बीघे में प्याज़ लगाया था , जो आकस्मिक वर्षा के कारण खराब हो गया। छँटा हुआ प्याज़ मंडी में बहुत कम भाव में बिका। इससे बहुत नुकसान हुआ।
श्री सुभाष पाटीदार झंडेवाला , गवलीपलासिया ने कहा कि जब किसान रिकॉर्ड उत्पादन करता है ,तो उसकी फसल के भाव औंधे मुंह गिर जाते हैं। यही हाल प्याज का हुआ है। इस साल किसानों ने रिकॉर्ड उत्पादन किया, यद्यपि बारिश ने कई इलाकों में नुकसान भी पहुंचाया फिर भी लाखों टन प्याज गोदामों में भरा पड़ा है। आज से 20 साल पहले प्याज 8 से 9 किलो बिकता था , वहीं प्याज आज भी 8 से 9 रू ही बिक रहा है, जबकि इन 20 वर्षों में डीजल के भाव 3 गुना बढे, परिणामस्वरूप परिवहन खर्च 4 गुना बढ़ गया।पहले 100 रू में मजदूर आसानी से मिल जाता था, आज 300 रू में भी मजदूर नहीं मिलता। बारदान ,खाद , पेस्टीसाइड, तथा फंजिसाईड दवा बेचने वाली मल्टीनेशनल कंपनियों ने अपने उत्पादों में 3 से 4 गुना, वृद्धि कर दी है । दूसरी तरफ किसानों को उचित दाम नहीं मिल रहा है। कर्ज लेकर मजबूरीवश कई किसानों ने किराए पर गोडाउन लेकर प्याज स्टॉक किया है, उन किसानों की आर्थिक हालत बहुत खराब हो गई है। किसान खून के आंसू रो रहा है और सरकार मूकदर्शक बनी बैठी है। सरकार को समय रहते विदेशों में प्याज निर्यात की ठोस नीति बनाने और उस परअमल करने की ज़रूरत है, अन्यथा कई किसानों की ज़मीन बिक जाएगी। संयुक्त किसान मोर्चा के श्री रामस्वरूप मंत्री, श्री बबलू जाधव ,श्री शैलेंद्र पटेल, और लाखन सिंह डाबी का कहना है कि इंदौर जिले में बड़े रकबे में प्याज की फसल बोई गई थी, जिसमें से अधिकांश फसल खराब हो गई है। किसान मोर्चा ने सरकार से ऐसे सभी प्रभावित किसानों को तत्काल फसल नुकसानी का मुआवजा देने की मांग की है।
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