राज्य कृषि समाचार (State News)

खरगोन में एक दिवसीय राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी सम्पन्न

प्राकृतिक व जैविक खेती को बढ़ाने का आह्वान

17 जनवरी 2023, खरगोन: खरगोन में एक दिवसीय राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी सम्पन्न – शासकीय कन्या महाविद्यालय खरगोन में गत दिनों पर्यावरण संरक्षण के लिए वर्तमान परिदृश्य और पर्यावरण अनुकूल दृष्टिकोण पर एक दिवसीय राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता डॉ. जीआर गांगले थे। अध्यक्षता निमाड़ रेंज डीआईजी श्री तिलक सिंह ने की। गोष्ठी में कृषि विज्ञान केन्द्र, खरगोन की वैज्ञानिक डॉ. अनिता शुक्ला,बड़वानी के प्राध्यापक डॉ. दिनेश वर्मा,संयोजक डॉ. एमएस सोलंकी ,पीजी कॉलेज प्राचार्य डॉ. आरएस देवड़ा एवं प्राचार्य डॉ. एमके गोखले ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

 डॉ. जीआर गांगले ने बताया कि हम सभी प्रकृति के पूजक है जैसे सूर्य देव की पूजा, नदियों की पूजा करते है फिर भी मनुष्य की अति उपपयोगितावादी जीवन शैली के कारण पर्यावरण में असंतुलन हो रहा है। वर्तमान समय में पर्यावरण एवं अर्थशास्त्र को सम्बद्ध कर अपनी बात प्रस्तुत की। श्री गांगले ने आर्थिक विकास के लिए पर्यावरण को क्षती से बचाने की सलाह दी और 5-आर फेक्ट के बारे में बताया। डीआईजी श्री तिलक सिंह ने कहा कि जब तक पर्यावरण संरक्षण के लिए कड़े कानूनों का निर्माण नहीं किया जाएगा, तब तक पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में हमें सफलता मिलने में कठिनाई होगी। उन्होंने आम नागरिकों को पर्यावरण तथा उसके संरक्षण से जोड़ने पर ज़ोर दिया । वैज्ञानिक डॉ. अनिता शुक्ला ने आधुनिक पद्धति एवं प्राचीन जीवन शैली में पर्यावरण के मध्य संतुलन स्थापित करते हुए प्राकृतिक या जैविक खेती को बढ़ावा देकर कीटनाशक रहित खेती करने पर बल दिया। डॉ. आरएस देवड़ा ने पर्यावरण से जुड़े हुए मुद्दों तथा स्वच्छता द्वारा पर्यावरण को किस प्रकार बनाए रखा जाता है का जिक्र कर उन्होंने प्लास्टिक के दुरूपयोग एवं उसके न्यूनतम उपयोग पर भी चर्चा की।

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डॉ. दिनेश वर्मा ने मनुष्य द्वारा किए जा रहे प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध उपयोग से पशु-पक्षियों एवं पर्यावरण पर होने वाले प्रभावों का उल्लेख कर कहा कि किसी समय नर्मदा नदी में महाशीर मछली 40 प्रतिशत हुआ करती थी, लेकिन वर्तमान में यह केवल 1 प्रतिशत रह गई है। इसके पूर्व आरम्भ में अतिथि स्वागत एवं परिचय संस्था प्राचार्य डॉ. एमके गोखले द्वारा दिया गया। कार्यक्रम की रूपरेखा एवं संगोष्ठी के उद्देश्यों पर संयोजक डॉ. एमएस सोलंकी ने प्रकाश डाला।

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