किसानों को समय पर नहीं मिलेगी अब मौसम की जानकारी
देश में 200 कृषि मौसम केन्द्र होंगे बंद
06 फरवरी 2024, भोपाल(अतुल सक्सेना): किसानों को समय पर नहीं मिलेगी अब मौसम की जानकारी – भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने विगत 5 वर्षों से चल रहे जिला कृषि मौसम केन्द्र बंद करने का ऐलान कर दिया है। देश भर में भारतीय मौसम विभाग एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के समन्वय से कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से लगभग 200 मौसम केन्द्र चल रहे हैं, उन्हें 29 फरवरी 2024 से बंद करने का फरमान जारी कर दिया गया है। इसमें म.प्र. के 14 मौसम केन्द्र भी शामिल हैं, जो खासकर कृषकों के लिए परेशानी का शबब बनेगा।
किसान मौसम पूर्वानुमान से संबंधित समस्त जानकारियों से वंचित हो जाएंगे, जिससे उनके उत्पादन एवं आय पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा जो आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए सरकार के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। मौसम विभाग को 200 केन्द्र बन्द करने की इतनी जल्दी भी है कि पूर्व में 31 मार्च 2024 तिथि निर्धारित की गई थी। अब उसे घटाकर 29 फरवरी किया गया है। वित्तीय संकट मुख्य वजह बताई जा रही है, जिससे किसानों में रोष व्याप्त है। साथ ही लगभग 400 लोगों पर बेरोजगारी का खतरा भी मंडराने लगा है।
बेरोजगारों से ज्यादा चिंता अब उन लाखों किसानों को है जिनको मौसम की सटीक जानकारियां मिल जाती थीं जिससे उनके पास थोड़ी जानकारी हो जाती थी पर अब यह सब कुछ बंद हो जाएगा। खेती-बाड़ी सिर्फ रामभरोसे चलेगी। कृषि विज्ञान केंद्र में यह इकाइयां स्थापित हुई थीं जिनमें दो व्यक्ति सेवाएं देते थे। एक व्यक्ति कृषि वैज्ञानिक था तो दूसरा ऑब्जर्वर। यह किसानों को मौसम का पूर्वानुमान व संबंधित जानकारियां देते थे।
जानकारी के मुताबिक वित्तीय तंगहाली की वजह से यह इकाइयां बंद की जा रही हैं कृषि मंत्रालय पैसा देता था लेकिन अब वह हाथ खड़े कर रहा है। इन इकाईयों की स्थापना भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली और भारत मौसम विज्ञान विभाग के मध्य वर्ष 2019 में हुए एमओयू के साथ हुई थी। फरवरी 2022 में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने इस योजना को 2026 तक बढ़ाने की घोषणा भी की थी लेकिन अब इस करार को समयावधि के पहले ही बंद किया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक जिला मौसम क़ृषि विज्ञान केन्द्र किसानों को जानकारी उपलब्ध करा रहे थे। अब पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा 29 फरवरी 2024 से बंद करने के आदेश पारित किए हैं। जिसके तहत् कृषकों को मौसम की व कृषि संबंधित जानकारी उपलब्ध होना बंद हो जाएगी। जिला कृषि मौसम इकाई द्वारा प्रत्येक मंगलवार एवं शुक्रवार को अगले पांच दिन के मौसम वर्षा, तापमान, आर्द्रता, हवा की गति, दिशा, बादल आवरण की जानकारी के साथ ही मौसम आधारित कृषि सलाह मीडिया समूहों के माध्यम से प्रदान की जा रही थी। जिससे समय रहते कृषक खेती में फसलों का उचित प्रबंधन कर लेते थे। साथ ही सटीक दवाओं की जानकारी मिलने से किसानों की लागत भी कम होती थी। आकस्मिक आपदाएं आने से तेज आंधी-तूफान के साथ वर्षा होना, ओले गिरना, आकाशीय बिजली गिरना आदि की जानकारी विभाग द्वारा किसानों को 48 से 72 घंटों पहले मिल जाती थी। जिससे समय रहते किसानों को फसलों के साथ ही पशुधन एवं जन-धन में होने वाली हानि को कम करने में मदद मिलती थी।
स्थानीय मौसम विभाग के सूत्रों के मुताबिक मध्य प्रदेश के कुल 14 जिला मौसम कृषि केन्द्र इस माह के अंत से कार्य करना बंद कर देंगे। इसमें खंडवा, गुना, दमोह, छतरपुर, सिंगरौली, राजगढ़, नीमच, शिवपुरी, कटनी, बालाघाट, रीवा, बड़वानी, शहडोल एवं अशोक नगर शामिल हैं।
हाल ही में गत 15 जनवरी को भारतीय मौसम विभाग ने अपनी 150वीं वर्षगांठ मनाई। मौसम और कृषि के चोली-दामन के साथ को देखते हुए दोनों विभागों द्वारा किसानों को तोहफा देने के बजाय उन्हें सुविधा से वंचित किया जा रहा है जो किसानों के हित में नहीं है।
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