अब भोपाल को भिक्षुक मुक्त बनाने का अभियान शुरू हुआ
27 दिसंबर 2024, भोपाल: अब भोपाल को भिक्षुक मुक्त बनाने का अभियान शुरू हुआ – यूं भले ही इंदौर और उज्जैन के बाद भोपाल को भिक्षुक मुक्त शहर बनाने का अभियान शुरू कर दिया गया है। बता दें कि सूबे की मोहन सरकार प्रदेश को भिखारी मुक्त बनाने का अभियान चला रहा है और इसके चलते ही इंदौर, उज्जैन के बाद अब भोपाल को भिखारी मुक्त करने का अभियान शुरू किया गया है। भोपाल में भी इंदौर की तरह भीख देने वालों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। भिक्षावृत्ति को हतोत्साहित करने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है। जानकारी के अनुसार समाज कल्याण विभाग द्वारा हजारों भिखारियों को चिन्हित किया गया है। इनमें से कई भिखारियों की प्रोफाइल तैयार कर ली गई है।
जानकारी के अनुसार मप्र सामाजिक न्याय विभाग द्वारा भिखारियों के पुर्नवास के लिए भिक्षु गृह बनाए जाने का प्रस्ताव भेजा गया है। एनजीओ की मदद से इन गृहों को संचालित किया जाएगा। कुछ अस्थाई भिक्षुक गृह को पंजीकृत निजी संस्था संचालित करेंगे। गौरतलब है कि सबसे स्वच्छ शहर इंदौर अब भिखारी मुक्त शहर भी बनने की राह पर आगे बढ़ गया है। नए साल से यदि दरियादिली दिखाते हुए इंदौर शहर में कोई भीख देता पाया गया तो उस व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा सकती है। इंदौर कलेक्टर ने लोगों से अपील की है कि, वे भिक्षावृत्ति को बढ़ावा न दें। समाज कल्याण विभाग ने इसके लिए तीन हजार भिखारियों को चिह्नित किया है, जिनका पुनर्वास किया जाना है। इनमें से 200 की पूरी प्रोफाइल बना ली गई है। प्रशासन भिक्षावृत्ति को हतोत्साहित करने के लिए भीख देने वालों पर भी जुर्माना लगाने की योजना बना रहा है। मप्र सामाजिक न्याय विभाग ने शहर में भिक्षुक गृह बनाने का प्रस्ताव भेजा है। इसको गैर सरकारी संगठनों की मदद से संचालित किया जाएगा। सामाजिक न्याय विभाग की ओर से बताया गया है कि फिलहाल भिक्षुक गृह शुरू करने के लिए निजी संस्था को जिम्मा दिया गया है। संस्था ने भवन की तलाश शुरू कर दी है। इसमें आदतन भिखारियों को रखकर उनको शासकीय योजनाओं से जोड़ा जाएगा। उनको रोजगार के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि वे सक्षम बनकर मेहनत की कमाई से खुद का और परिवार का पालन पोषण कर सकें। नियमों में बदलाव 1 जनवरी से लागू किया जाएगा। इंदौर को भिखारी मुक्त बनाने के लिए प्रशासन अब अपनी कमर कस ली है। बीते कई समय से इंदौर में प्रशासनिक अमला भीख मांगने वालों को रेस्क्यू कर उनके रिहैबिलिटेशन के लिए काम कर रहा है। वहीं, शहर में भीख देने वालों पर नजर रखने के लिए पुलिस, नगर निगम, प्रशासन की टीम तैयार की जाएगी, जो चौक, चौराहों, तिराहों, धार्मिक स्थल सहित अन्य स्थानों पर नजर रखेगी। यहां भीख देने वालों को पहले समझाया जाएगा। इसके बाद भी यदि नहीं मानते हैं तो उन पर जुर्माना की कार्रवाई की जाएगी। इंदौर को भिक्षावृत्ति मुक्त शहर बनाने के लिए सार्वजनिक जगहों पर भीख देने वाले लोगों पर जुर्माना लगाने की कार्रवाई की जा चुकी है। इसके साथ ऐसे भिखारी जो बार-बार समझाइश के बाद भी नहीं माने, उन्हें भिक्षुक गृह भेजा गया। शहर के लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया गया, जिसमें एनजीओ की मदद ली गई।
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