राज्य कृषि समाचार (State News)

इंदौर में राशन दुकानों का नया रूप: अब मिलेगा राशन के साथ पोषण भी

28 मार्च 2025, इंदौर: इंदौर में राशन दुकानों का नया रूप: अब मिलेगा राशन के साथ पोषण भी – मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में राशन की दुकानों को अब सिर्फ अनाज बांटने की जगह नहीं रहने दिया जा रहा है। गुरुवार को यहां 30 सरकारी उचित मूल्य दुकानों को ‘जन पोषण केंद्र’ में बदल दिया गया। इन दुकानों पर अब राशन के अलावा मोटा अनाज, दाल, सब्जियां, दूध, पनीर और मसाले जैसी चीजें भी मिलेंगी। इस पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत केंद्रीय संयुक्त सचिव (खाद्य विभाग) रविशंकर ने वर्चुअल तरीके से की।

यह बदलाव इंदौर के कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देशन में हुआ है। इसका मकसद राशन दुकानों को आर्थिक रूप से मजबूत करना और लोगों को सस्ते दाम पर पोषण से जुड़ी चीजें उपलब्ध कराना बताया गया है। बाणगंगा इलाके की एक दुकान पर आयोजित कार्यक्रम में स्थानीय लोग, राशन डीलर और अधिकारी मौजूद रहे। केंद्रीय संयुक्त सचिव रविशंकर ने कहा कि यह कदम दुकानों को बहुउद्देशीय बनाने और लोगों को बेहतर पोषण देने की दिशा में उठाया गया है। वहीं, खाद्य आयुक्त कर्मवीर शर्मा ने इसे भारत सरकार के पायलट प्रोजेक्ट का हिस्सा बताते हुए डीलरों को इसे लागू करने के लिए गाइडलाइन दीं।

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शुरुआत के दिन ही 50 से ज्यादा लोगों ने इन दुकानों से दूध, दही, घी, मोटा अनाज और मसाले खरीदे। कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि अब उन्हें राशन के साथ बाकी जरूरी चीजों के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा। एक उपभोक्ता ने बताया, “पहले राशन अलग लेना पड़ता था और दूसरी चीजें बाजार से। अब सब एक जगह मिलेगा तो समय और पैसा दोनों बचेगा।”

डीलरों के लिए भी मौका

इन केंद्रों से न सिर्फ ग्राहकों को फायदा होगा, बल्कि राशन डीलरों की कमाई भी बढ़ने की उम्मीद है। सरकार का दावा है कि डीलरों को आसान लोन और डिजिटल टूल्स की मदद दी जाएगी, ताकि वे इन दुकानों को बेहतर तरीके से चला सकें। हालांकि, यह देखना बाकी है कि ये सुविधाएं जमीन पर कितनी कारगर साबित होती हैं।

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देश में पहली बार इंदौर से शुरुआत

यह प्रोजेक्ट मध्यप्रदेश में पहली बार शुरू किया गया है और इंदौर को इसका पायलट शहर चुना गया। कार्यक्रम में शामिल अधिकारियों ने इसे एक नई पहल बताया, लेकिन इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि ये केंद्र लंबे वक्त तक कितने प्रभावी ढंग से चल पाते हैं।

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फिलहाल, इंदौर के लोगों के लिए यह एक नया अनुभव है। आने वाले दिनों में यह देखा जाएगा कि यह योजना कितने और जिलों तक पहुंचती है और उपभोक्ताओं की जरूरतों को कितना पूरा कर पाती है।

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