राज्य कृषि समाचार (State News)

गजेंद्र सिंह को नेट हाउस तकनीक से मिली नई राह  

30 अप्रैल 2025, शाजापुर: गजेंद्र सिंह को नेट हाउस तकनीक से मिली नई राह – मध्यप्रदेश के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा संचालित संरक्षित खेती किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इसी योजना के तहत जिले की शुजालपुर तहसील के ग्राम पटलावदा के कृषक श्री गजेंद्र सिंह गवाटिया ने एक एकड़ क्षेत्र में नेट हाउस का निर्माण कर अपनी कृषि पद्धति को आधुनिक रूप दिया। उनकी इस पहल ने न केवल उनके जीवन में आर्थिक समृद्धि लाई, बल्कि अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनी।

पारंपरिक खेती से संरक्षित खेती की ओर परिवर्तन – श्री गवाटिया पहले पारंपरिक तरीकों से खीरा की खेती करते थे, जिससे उन्हें 80 से 100 क्विंटल की पैदावार प्राप्त होती थी। बाजार में 10 से 12 रुपये प्रति किलो की दर से बिक्री कर वे लगभग एक लाख रुपये की आय अर्जित करते थे। लेकिन जब 50 से 60 हजार रुपये की लागत निकालने के बाद सिर्फ 40 हजार रुपये का लाभ रह जाता था, तो वे संतुष्ट नहीं थे।

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नेट हाउस तकनीक से मिली नई राह – अपनी कृषि आय को बढ़ाने के लिए कृषक श्री गवाटिया ने उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया और संरक्षित खेती की जानकारी प्राप्त की। विभाग की सहायता से उन्होंने अपनी भूमि पर नेट हाउस का निर्माण कराया और उसमें खीरे की खेती प्रारंभ की। उन्हें एक एकड़ भूमि में 400 क्विंटल खीरे का उत्पादन हुआ। इस फसल को उन्होंने 5 लाख रुपये में बाजार में बेचा। नेट हाउस तकनीक अपनाने से खेती में 2 से 2.5 लाख रुपये की लागत आई, लेकिन अंत में उन्हें 2.5 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा प्राप्त हुआ। श्री गवाटिया की यह सफलता दर्शाती है कि संरक्षित खेती तकनीक से परंपरागत खेती की तुलना में अधिक उत्पादन और लाभ संभव है। उनकी यह यात्रा अन्य किसानों को भी आधुनिक कृषि पद्धतियों को अपनाने की प्रेरणा देती है। संरक्षित खेती से जुड़े इस बदलाव ने श्री गवाटिया को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया और उनकी कृषि उत्पादकता को कई गुना बढ़ाया।

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