राजस्थान में मक्का उत्पादकता बढ़ाने की आवश्यकता – डॉ. राठौड़
मेज टेक्नोलोजिस्ट एसोसियेशन ऑफ इण्डिया का राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारम्भ
24 फरवरी 2022, उदयपुर । राजस्थान में मक्का उत्पादकता बढ़ाने की आवश्यकता – डॉ. राठौड़ – भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् नई दिल्ली, अखिल भारतीय मक्का अनुसन्धान परियोजना लुधियाना, अन्तरराष्ट्रीय मक्का एवं गेहॅूं अनुसन्धान केन्द्र (CIMMYT), मेज टेक्नोलोजिस्ट एसोसियेशन ऑफ इण्डिया (एमटीएआई) के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संघटक राजस्थान कृषि महाविद्यालय, उदयपुर के सभागार में आयोजित की गई ।
महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के कुलपति डॉं0 नरेन्द्र सिंह राठौड़ ने मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुऐ कहाकि उदयपुर संभाग में मक्का एक महत्वपूर्ण खाद्यान्न फसल है, उदयपुर में 36 प्रतिशत व बॉंसवाड़ा में 65 प्रतिशत भूमि कृषि के अन्तर्गत है परन्तु बॉंसवाड़ा में मक्का खरीफ व रबी दोनों ऋतुओं में बोई जाती है । उन्होने बताया कि मक्का उत्पादन में आन्ध्रप्रदेश व कर्नाटक के बाद राजस्थान का तीसरा स्थान है जहॉं देश 10 प्रतिशत मक्का उत्पादन होता है परन्तु विपरित पर्यावरणीय स्थितियों की दृष्टि से उत्पादकता बढ़ाने, मक्का की उन्नत प्रजातियों का चयन करने, क्वालिटी प्रोटिन मेज (क्यू.पी.एम.) के उत्पादन पर ध्यान देने, मक्का के प्रसंस्करण, मूल्य संर्वधन करने, मक्का उत्पादकों को व्यवसायिक बनाने के लिए मिशनमोड पर कार्य करने और उचित विपणन पर व्यवस्था पर ध्यान देने की जरूरत है ।
एमटीएआई के अध्यक्ष डॉं0 सांई दास ने अपने अभिभाषण में बताया कि मक्का एक जैव विविधता वाली फसल है जिसके विभिन्न उत्पाद जैसे मेजकोर्न, बेबीकोर्न, स्वीटकोर्न, पॉंपकोर्न इत्यादि तथा अनेक औद्योगिक उपयोगिता के प्रसंस्कृत उत्पाद बनाने पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है । भारतीय मक्का अनुसन्धान संस्थान लुधियाना के निदेशक डॉं0 सुजय रक्षित ने बताया कि राजस्थान मक्का की खेत के क्षेत्र में प्रथम है लेकिन अन्य राज्यों की तुलना में यहॉं मक्का की उत्पादकता अपेक्षाकृत कम है । इस दृष्टि से वर्तमान सम्मेलन की महत्वता बहुत अधिक है ।
एमटीएआई के वाईस प्रेसिडेन्ट डॉं0 एम.एल. जाट ने सम्मेलन की थीम पर जानकारी देते हुऐ बताया कि मक्का उत्पादन में जलवायु परिवर्तन सहित अनेक चुनौतियॉं जुड़ी है । उन्होने बताया कि देश में 6-10 प्रतिशत अनाज उत्पादन में कमी देखी गई है, इसे दृष्टिगत रखते हुऐ सम्मेलन में मक्का उत्पादन बढ़ाने के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करने की आवश्यकता है । आयोजन सचिव डॉं0 सी.एम. परिहार ने स्वागत उद्बोधन दिया एवं सम्मेलन के विभिन्न तकनीकी सत्रों की जानकारी दी ।
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