State News (राज्य कृषि समाचार)

प्राकृतिक ऊर्जा स्रोतों को अपनाने की ज़रूरत – डी. राधाकृष्णन

Share

18 अक्टूबर 2021, जबलपुर । प्राकृतिक ऊर्जा स्रोतों को अपनाने की ज़रूरत –  डी. राधाकृष्णन – खरपतवार अनुसन्धान निदेशालय, जबलपुर में गत दिनों हिंदी कार्यशाला आयोजित की गई , जिसमें ‘उत्तर पूर्व राज्यों की प्रगति में ऊर्जा की महत्वता ‘ विषय पर मुख्य अतिथि त्रिपुरा विद्युत् नियामक आयोग के चेयरमैन श्री डी राधाकृष्णन ने अपने व्याख्यान में प्राकृतिक ऊर्जा स्रोतों को अपनाने पर ज़ोर दिया। इस कार्यशाला में 80 से ज़्यादा अधिकारियों/कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।

श्री डी राधाकृष्णन ने कहा कि देश की प्रगति को गति प्रदान करने के लिए यह ज़रूरी है कि ग्रामीण क्षेत्रों में ऊर्जा की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जाए।  ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच प्रति व्यक्ति ऊर्जा की खपत में बहुत अंतर है। आज भी सुदूर उत्तर पूर्व के क्षेत्र या अन्य क्षेत्रों के ग्रामीण परिवार प्राकृतिक संसाधनों से उत्पन्न ऊर्जा लकड़ी,गोबर गैस और सौर ऊर्जा  का उपयोग करते हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में 90 % परिवार बिजली और 10 % केरोसिन पर निर्भर हैं। वर्तमान दौर में सौर ऊर्जा,पवन ऊर्जा , जैव ईंधन जैसे प्राकृतिक ऊर्जा स्रोतों को  अपनाने पर ज़ोर देना चाहिए। प्रधानमंत्री कुसुम योजना का जिक्र करते हुए त्रिपुरा विद्युत् नियामक आयोग के चेयरमैन ने कहा कि इसके जरिए किसान अपने खेत की अनुपजाऊ ज़मीन पर सोलर संयंत्र स्थापित कर अपने उपयोग के पश्चात अतिरिक्त बिजली बेचकर अपनी नियमित आय बढ़ा सकता है।

इसके पूर्व निदेशक डॉ जे एन मिश्र ने मुख्य अतिथि का स्वागत कर कहा कि बिजली का उपयोग हमारी दिनचर्या का अंग हो गया है। पारम्परिक तरीकों से उत्पादित बिजली,  दिनोदिन बढ़ती मांग को पूरा करने में कम पड़ती जा रही है। इसलिए प्रकृति में उपलब्ध विभिन्न ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करना नितांत आवश्यक हो जाता है। बिना ऊर्जा के कृषि कार्य सम्भव नहीं है। अतिथि परिचय डॉ वीके चौधरी ने दिया। मंच संचालन श्री बसंत मिश्रा ने किया।

Share
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *