State News (राज्य कृषि समाचार)

छोटे किसानों में ई-नाम के प्रति भरोसा पैदा करना जरूरी : श्री तोमर

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ई-नाम पर राष्ट्रीय कार्यशाला

नई दिल्ली। कृषि उपज को बाजार मुहैया कराने के लिए शुरू किया गया इलेक्ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट (ई-नाम) विश्वास के संकट से जूझ रहा है।

इस पर चिंता जताते हुए केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि देश के छोटे किसानों में इसके प्रति भरोसा पैदा करने की जरूरत है। किसानों के हित में शुरू किया गया ऑनलाइन कृषि बाजार आम किसानों का प्लेटफॉर्म नहीं बन पा रहा है।

कृषि मंत्री श्री तोमर गत दिनों ई-नाम में एग्री लॉजिस्टिक को मजबूत बनाने पर आयोजित कार्यशाला में बोल रहे थे। तोमर ने किसानों की दशा व दिशा पर दुख जताया। उन्होंने कहा, ‘कृषि क्षेत्र की दोषपूर्ण नीतियों के चलते देश में छोटे व बड़े किसानों के बीच की खाई बहुत बढ़ गई है।

एक ओर संसाधन संपन्न किसान हैं, जो हर तरह का लाभ उठाने में सक्षम है। दूसरी ओर सरकारी अमला भी अपना लक्ष्य पूरा करने के लिए उन्हीं की मदद करता है। सारी सहायता उन्हें ही परोस दी जाती है।’

प्रमुख बिन्दु

  • 16 राज्यों व 2 केन्द्र शासित प्रदेशों की 585 मंडी ई-नाम से जुड़ीं।
  • 415 मंडियां शीघ्र जुड़ेंगी।
  • बड़े और छोटे किसानों के बीच अंतर समाप्त हो।
  • ई-मंडियों में 1 लाख करोड़ का लेन – देन होगा।
  • कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना होगा।

कृषि मंत्री ने इस तरह की सोच को बदलने और कृषि क्षेत्र में पैदा हुए वर्गवाद को समाप्त की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘छोटे किसानों तक पंहुच होने पर ही कृषि क्षेत्र की विकास दर बढ़ेगी, जिससे आर्थिक विकास के लक्ष्य को हम जल्द छू लेंगे।’

2022 तक प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप किसानों की आमदनी को दोगुना करने की दिशा में काम हो रहा है। छोटे किसानों की आमदनी बढ़ाने पर जोर दिए जाने की जरूरत है। श्री तोमर ने कहा कि अभी हम उन तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसके लिए आत्मचिंतन करना होगा।

श्री तोमर ने कृषि क्षेत्र के समक्ष खड़ी चुनौतियों का जिक्र करते हुए इनसे पार पाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा, ‘कृषि क्षेत्र की मजबूती व ग्रामीण अर्थव्यवस्था ङ्क्षहंदुस्तान की ताकत है। हम इसी के भरोसे दुनिया में अपनी आवाज बुलंद कर सकते हैं।

कृषि क्षेत्र के दोनों भागों किसान और भूमिहीन मजदूर के उत्थान के लिए काम करना होगा। खेती पर निर्भर इन खेतिहर मजदूरों की दशा पर भी विचार करने की जरूरत है। श्री तोमर ने कृषि क्षेत्र में चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं का विस्तार से जिक्र किया। उन्होंने विश्वास जताया कि इन योजनाओं पर ठीक से अमल हो जाने की दशा में कृषि के विकास को पंख लग सकते हैं।

इस राष्ट्रीय परामर्श कार्यशाला में 200 से अधिक विशेषज्ञों, शिक्षाविदों, एग्री लॉजिस्टिक, सफाई, छंटाई, उत्पादन, विश्लेषण, भंडारण और परिवहन क्षेत्र से जुड़े प्रतिनिधियों ने भाग लिया। विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी इस कार्यशाला में शामिल हुए। केन्द्रीय कृषि एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री पुरुषोत्तम रुपाला और कृषि सचिव श्री संजय अग्रवाल ने भी कार्यशाला में भाग लिया।

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