State News (राज्य कृषि समाचार)

एमपीयूएटीः प्राकृतिक खेती ही पर्यावरण के अनुकूल

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27 फरवरी 2024, उदयपुर: एमपीयूएटीः प्राकृतिक खेती ही पर्यावरण के अनुकूल – महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के तत्वाधान में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित जैविक खेती पर अग्रिम संकाय प्रशिक्षण केन्द्र के अन्तर्गत 21 दिवसीय राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम ‘‘प्राकृतिक कृषि – संसाधन संरक्षण एवं पारिस्थितिक संतुलन के लिए दिशा एवं दशा’’ का समापन अनुसंधान निदेशालय, उदयपुर में 26 फरवरी  को सम्पन्न हुआ।

इस अवसर पर पूर्व कुलपति डॉ. उमा शंकर शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्राकृतिक कृषि ही पर्यावरण के अनुकूल है। इस कृषि द्वारा पर्यावरण को दूषित होने से बचाने के साथ-साथ मृदा स्वास्थ्य में भी बढ़ोतरी होगी। प्राकृतिक खेती में प्रयोग कर रहे घटकों से मृदा में लाभदायक जीवाणुओं की बढ़ोतरी होगी जिससे फसलों उत्पादन में स्थायित्व आएगा। डॉ. शर्मा ने सभी प्रतिभागियों को 21 दिवसीय प्रशिक्षण उपरान्त प्रमाण पत्र वितरित किये एवं सभी से आह्वान किया कि अपने-अपने राज्यों में जाकर ब्रांड एम्बेसेडर की भूमिका निभाये। विदित् है कि प्रशिक्षण में 9 राज्यों के 24 वैज्ञानिक भाग ले रहे थे।

डॉ अरविंद वर्मा, निदेशक अनुसंधान एवं कोर्स डायरेक्टर ने अतिथियों का स्वागत किया एवं प्रशिक्षणार्थीयों को दिये गये प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के बारे में विस्तृत रूप से बताया। डॉ. वर्मा ने बताया कि पूरे प्रशिक्षण में 33 सैद्धान्तिक व्याख्यान, 8 प्रयोग प्रशिक्षण एवं 7 प्रशिक्षण भ्रमणों द्वारा प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया। उन्होंने प्राकृतिक खेती पर सुदृढ़ साहित्य विकसित करने की आवश्यकता बताई साथ ही इस ट्रेनिंग के रिकॉर्ड वीडियो यूट्यूब व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से प्रसारित करने की आवश्यकता पर बल दिया जिससे कि वैज्ञानिक समुदाय एवं जन सामान्य में प्राकृतिक खेती के प्रति जागरूकता बड़े एवं इसकी जानकारी सुलभ हो सके।

कार्यक्रम में डॉ.. आर. ए. कौशिक, निदेशक, प्रसार शिक्षा निदेशालय, डॉ. अमित त्रिवेदी, क्षेत्रीय निदेशक अनुसंधान, उदयपुर, डॉ. बी. एल. बाहेती, निदेशक, डी.आर.आई एवं डॉ.. रविकांत शर्मा, उपनिदेशक अनुसंधान आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. लतिका शर्मा, सहआचार्य ने किया।

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