एमपी के सीएम ने किसानों के लिए ये कही बड़ी बात, किसान होंगे ओर अधिक समृद्ध
11 फ़रवरी 2025, भोपाल: एमपी के सीएम ने किसानों के लिए ये कही बड़ी बात, किसान होंगे ओर अधिक समृद्ध – मध्यप्रदेश के सीएम डॉक्टर मोहन यादव ने प्रदेश के किसानों के लिए एक बार फिर से बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा है कि राज्य के किसानों को ओर अधिक समृद्ध किया जाएगा वहीं गांवों में हरियाली भी छायेगी।
दरअसल हाल ही में सीएम डॉक्टर यादव ने देवास के सोनकच्छ के ग्राम पीपलरांवा से एक करोड़ 27 लाख लाड़ली बहनों के खाते में 1553 करोड़ रूपए, 56 लाख सामाजिक सुरक्षा पेंशन हितग्राहियों के खाते में 337 करोड़ रूपए और 81 लाख किसानों के खाते में 1624 करोड़ रूपये सिंगल क्लिक से अंतरित किये। उन्होंने कार्यक्रम में 144.84 करोड़ रूपये लागत के 53 कार्यों का भूमि-पूजन एवं लोकार्पण भी किया।
पारस पत्थर से लोहा भी सोना बन जाता है
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रंजीत सागर परियोजना से आस-पास के गांवों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा। क्षेत्र में हरियाली छायेगी और किसान समृद्ध होगा। उन्होंने कहा कि कि पारस पत्थर से लोहा भी सोना बन जाता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हर खेत को पानी और बिजली की सुविधा मिले तो किसान समृद्धशाली होंगे और फसलरूपी सोना जरूर मिलेगा।
किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी और बिजली उपलब्ध
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारी सरकार किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी और बिजली उपलब्ध करा रही है। हमारे पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेई ने 20 वर्ष पहले जो नदी जोड़ो का सपना देखा था आज वह प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरा हो रहा है। प्रधानमंत्री ने हमें केन-बेतवा लिंक योजना के लिए 1 लाख करोड़ रुपए दिए हैं। इस योजना से पूरे बुंदेलखंड क्षेत्र की तस्वीर बदल जाएगी। एक अन्य 70 हजार करोड़ रुपए की पार्वती-कालीसिंध-चंबल योजना पर भी कार्य शुरू हुआ है। प्रदेश के प्रत्येक के गांव, एक-एक खेत तक पानी पहुंचाया जाएगा। इस बार किसानों के लिए गेहूं का समर्थन मूल्य होगा 2600 रुपए होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार का उद्देश्य हर हाथ को काम और हर खेत को पानी देना है।
जल कलश यात्रा का समापन किया
समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पार्वती, कालीसिंध एवं चंबल नदी के पानी को घड़े में मिलाकर जल कलश यात्रा का समापन किया। ग्राम भंवरासा से 2 जनवरी को कलश यात्रा से जलाभिषेक अभियान की शुरूआत हुई थी, जिसका सोमवार को समापन हुआ। जल कलश यात्रा में तीनों नदियों के जल को एकत्रित किया गया तथा समापन पर तीनों नदियों के जल को एक घड़े में मिलाकर इसे रंजीत सागर डेम में प्रवाहित किया जायेगा।
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