State News (राज्य कृषि समाचार)

मध्यप्रदेश में कृषि आधारित उद्योगों के लिए सर्वाधिक अनुकूल वातावरण – श्री पटेल

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12 जनवरी 2023, इंदौर: मध्यप्रदेश में कृषि आधारित उद्योगों के लिए सर्वाधिक अनुकूल वातावरण – श्री पटेल – मध्यप्रदेश में कृषि और खाद्य प्र-संस्करण क्षेत्र में मौजूद अपार संभावनाएँ को दृष्टिगत रखते हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पहले दिन एग्रीकल्चर फूड एण्ड डेयरी प्रोसिसिंग पर आयोजित विशेष सत्र को संबोधित करते हुए केन्द्रीय खाद्य एवं प्रसंस्करण राज्य मंत्री श्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश एग्रीकल्चरल इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (आईएएफ) की चेन का मॉडल पॉइन्ट है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कृषि आधारित उद्योगों के लिए सबसे अधिक अनुकूल वातावरण मौजूद है। श्री पटेल ने इन्वेस्टर्स से इन क्षेत्रों में निवेश करने का आह्वान किया है। सत्र में सभी संबोधनकर्ताओं ने  निवेशकों  को दी जा रही सुविधाओं के लिए मध्यप्रदेश के शासन प्रशासन की सराहना की। सत्र में पशुपालन मंत्री श्री प्रेम सिंह पटेल और उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मौजूद थे।

केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री पटेल ने कहा कि इन्वेस्टर्स के पास छूने के लिए खुला आसमान है। प्रदेश में उनके लिए सभी सुविधाएं  सुलभ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से 2014 से 2020 की अवधि में खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में विदेशी निवेश 4.1 से 5.3 मिलियन  डॉलर  हो गया है। कृषि आधारित चीजों में मध्यप्रदेश नंबर-1 है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के प्रयासों से वर्ष 2023 को मिलेट वर्ष घोषित किया गया है। संसार का 40 प्रतिशत मोटा अनाज (मिलेट) हमारा देश उत्पादित करता है। उन्होंने कहा कि सरकार फूड लैब लगाने के लिए सहयोग कर रही है। इक्वेशन सेंटर बनाने के लिए भी सरकार व्यक्तिगत रूप से 50 प्रतिशत और कृषि विज्ञान केन्द्रों को 100 प्रतिशत सबसिडी प्रदान कर रही है।  उन्होंने प्रदेश में फूड प्रोसिंसिग को बढावा देने के लिए 3-T, ट्रेनिंग, टेक्नोलॉजी और टेस्ट पर काम करने पर जोर दिया। मंत्री श्री पटेल ने कहा कि हमें ब्रान्डिंग के क्षेत्र में और अधिक कार्य करना है। फूड प्रोसिंसिग इंडस्ट्री के क्षेत्र में मौजूद गेप को भरना है।

एग्रीकल्चर फूड एण्ड डेयरी प्रोसिसिंग के विशेष सत्र को नीदरलैड के श्री मिशेल वेन इर्केल, अमेरिका के श्री अजय राव, एलटी फूड के एम.डी और सीईओ अश्विनी कुमार अरोरा, आई.टी.सी. के श्री रजनीकांत राय, श्री नवनीत गोयल, श्री देवोपम मुखर्जी, ने संबोधित किया। अपर मुख्य सचिव कृषि श्री अशोक वर्णवाल ने प्रेजेन्टेशन दिया। अपर मुख्य सचिव जे.एन कंसोटिया ने सत्र संचालन किया।  प्रमुख सचिव पशुपालन विभाग श्री गुलशन बामरा ने अतिथियों का स्वागत कर आभार प्रकट किया।

मध्य प्रदेश में काम करने के व्यापक अवसर मौजूद – रीजनल  मेनेजिंग डायरेक्टर साउथ एशिया, यूएस इंटरनेशनल डव्लपमेंट फाइनेन्स कारर्पोशन के श्री अजय राव ने कहा कि भारत और मध्यप्रदेश में काम करने के व्यापक अवसर मौजूद है। हम पर्यावरण और सामाजिक क्षेत्रों के साथ कृषकों की आय को बढ़ाने और कृषि में होने वाले वेस्टेज को कम करने के लिए कार्य कर रहे हैं । “मिल्क मंत्र” के माध्यम से लोगों को आगे बढ़ाने के लिए 10 मिलियन डॉलर का निवेश कर रहे है। विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर ऋण भी उपलब्ध करा रहे है जिससे लोग आर्थिक रूप से सशक्त बनें।

इन्वेस्टर्स के लिए फ्यूचर फेवरेट डेस्टीनेशन है एम.पी.–  नीदरलैड के भारत और श्रीलंका के लिए कृषि सलाहकार श्री मिशेल वेन इर्केल ने कहा कि मध्यप्रदेश में कृषि उत्पादकता में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। गुड फूड और गुड फार्मिंग के क्षेत्र में मध्यप्रेदश उल्लेखनीय कार्य कर रहा है। कृषि के क्षेत्र में इंडिया एशिया में सबसे आगे है और एम.पी. “फूड बास्केट ऑफ इंडिया” है। उन्होंने मध्यप्रदेश को इन्वेस्टर्स के लिए फ्यूचर फेवरेट डेस्टीनेशन बताया है। श्री इर्केल ने कहा कि नीदरलैंड भी सहयोग और निवेश के लिए तैयार है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जो कहा, करके दिखाया-  एलटी फूडस् लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ अश्विनी कुमार अरोरा ने सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने जो कहा, वह सब करके दिखाया। उन्होंने प्रदेश में 2006 से शुरू 20 करोड़ रूपये से 10 हजार करोड रूपये के व्यापार की यात्रा में शासन प्रशासन के योगदान को सराहा। आज बासमती चावल का ब्रांड “दावत” सर्वाधिक जाना पहचाना है। उन्होंने कहा कि सरकार ने हमेशा सकारात्मक रूख दिखाया है। निवेशकों के लिए यह फेवरेट डेस्टिनेशन है। एल.टी.फूडस्‌ लिमिटेड बासमती चावल 65 देशों को निर्यात करता है। निर्यात के 20 प्रतिशत की आपूर्ति मध्यप्रदेश से होती है। संस्थान का ब्रांड “रॉयल” अमेरिका में नंबर-1 ब्रांड है।

मध्यप्रदेश पॉलिसी क्रिएटर है – ई-चौपाल के नेशनल हेड और आई.टी.सी. के डिवीजनल चीफ एक्ज्यूटिव, एग्री बिजनेस श्री रजनीकांत राय ने कहा कि मध्यप्रदेश पॉलिसी क्रिएटर है।  यहाँ की  बनाई हुई  नीतियां  देश द्वारा एडॉप्ट की जाती है। मंडी से बाहर क्रय करने की सर्वप्रथम अनुमति मध्यप्रदेश ने दी। आज आई.टी.सी. चौपाल पूरे देश में है जिसकी शुरूआत प्रदेश से 1985 में हुई थी। प्रदेश ने मंडियों से खरीदी के लिए यूनिफाईड लाईसेंस की शुरूआत की है। अब एक लाइसेंस से प्रदेश की सभी मंडियों से खरीदी की जा सकती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश गौरवशाली है जो कि देश में शरबती गेंहू का उत्पादन करने वाला एक मात्र राज्य है।

बेम्बू कैपिटल ऑफ इंडिया है एम.पी.-  आर्टिजन के सीईओ देबोपम मुखर्जी ने एग्रो फॉरेस्ट्री में बांस के लाभों के बारे में अवगत कराते हुए बताया कि मध्यप्रदेश बेम्बू कैपिटल ऑफ इंडिया है। आज बेम्बू क्रॉकीट, स्टील और टिम्बर का रिप्लेशमेन्ट बन रहा है। श्री मुखर्जी ने कहा कि संसार की उत्कृष्ट गुणवत्ता के बांस का हम उपयोग कर रहे हैं ।  उन्होने कहा कि मध्यप्रदेश में बांस का सर्वाधिक मात्रा में उपलब्ध है। इसमें निवेश की अपार संभावनाएँ मौजूद है।

प्रदेश में सिंगल विंडो क्लिरेन्स सिस्टम से कार्य –  चीफ कमिश्नर कस्टम, सेंट्रल जी.एस.टी. एण्ड सेंट्रल एक्साईज मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ श्री नवनीत गोयल ने कहा कि प्रदेश में सिंगल विंडो क्लिरेन्स सिस्टम से कार्य किया जा रहा है। उन्होंने सेंट्रल गवर्मेन्ट इंसेन्टिव्स फॉर एक्सपोर्ट ऑफ एग्री  प्रोडक्ट्स  के लाभों के बारे में निवेशकों को जानकारी दी। उन्होंने अथॉराइज्ड इकोनॉमिक ऑपरेटर्स (एईओ) और स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एसईएड) के द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं की भी जानकारी दी।

महत्वपूर्ण खबर: कपास मंडी रेट (11 जनवरी 2023 के अनुसार)

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