राज्य कृषि समाचार (State News)

बिहार में कृषि बाजार प्रांगणों का आधुनिकीकरण, ताकि किसानों को मिले फायदा

19 मई 2025, भोपाल: बिहार में कृषि बाजार प्रांगणों का आधुनिकीकरण, ताकि किसानों को मिले फायदा – बिहार की सरकार अपने राज्य में कृषि बाजार प्रांगणों का आधुनिकीकरण के साथ ही चरणबद्ध विकास करने में जुटी हुई है। दरअसल सरकार यह चाहती है कि किसानों को न केवल अन्य किसी तरह से परेशानी का सामना करना पडे और न ही उन्हें उपज के कम दाम मिले। लिहाजा किसानों को उपज का उचित दाम दिलाने की दिशा में सरकार ने यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

बिहार के उप मुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने जानकारी देते हुए बताया कि कृषि विपणन निदेशालय के अंतर्गत राज्य के कृषि बाज़ार प्रांगणों का आधुनिकीकरण एवं समुचित विकास चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाना, बाजार की सुलभ व्यवस्था उपलब्ध कराना तथा कृषि उत्पादों के भंडारण, प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन की बेहतर सुविधा देना है। किसानों को उनकी फसल का सर्वोत्तम मूल्य दिलाने, उन्हें सुरक्षित और आधुनिक बाजार व्यवस्था प्रदान करने, कृषि उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने तथा खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए कृषि विपणन निदेशालय का गठन किया गया है। यह निदेशालय किसानों, व्यापारियों, उद्यमियों और निर्यातकों के लिए एक मजबूत बाजार प्लेटफार्म तैयार करने में अहम भूमिका निभा रहा है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 12 प्रमुख कृषि उत्पादन बाजार प्रांगणों- गुलाबबाग (पूर्णिया), मुसल्लहपुर (पटना), आरा, हाजीपुर, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मोतिहारी, गया, बेतिया, दाउदनगर एवं मोहनियाँ के समुचित विकास और आधुनिकीकरण हेतु 748.46 करोड़ रुपए की लागत से योजनाएं स्वीकृत की गई है। वहीं, वित्तीय वर्ष 2022-23 में 9 अन्य बाजार प्रांगण सासाराम, बेगूसराय, कटिहार, फारबिसगंज, जहानाबाद, दरभंगा, किशनगंज, छपरा और बिहटा के विकास हेतु 540.61 करोड़ रुपए की लागत से योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है। इन बाजार प्रांगणों में आधुनिक आधारभूत संरचना का विकास किया जा रहा है, जिसमें वेंडिंग प्लेटफॉर्म दुकानों का निर्माण, वे-ब्रिज, जल निकासी प्रणाली, प्रशासनिक भवन, श्रमिक विश्राम गृह, अतिथि गृह, मछली बाजार, केला मंडी, आंतरिक सड़कों का निर्माण, सोलर पैनल, कर्मचारी कैंटीन और अपशिष्ट निपटान संयंत्र (कम्पोस्टिंग प्लांट) शामिल है। इन सुविधाओं से न केवल किसानों को अपनी उपज बेचने में आसनी होगी, बल्कि व्यापारियों और उद्यमियों को भी एक संगठित स्वच्छ और सुव्यवस्थित वातावरण मिलेगा। कृषि मंत्री ने कहा कि बाजारों के आधुनिकीकरण से खरीद-बिक्री की प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिससे किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिलेगा। इसके अलावा केंद्र सरकार की ई-नाम योजना के माध्यम से किसान अपने कृषि उत्पादों को राज्य और देश के अन्य हिस्सों में ऑनलाइन बेच सकते हैं, जिससे बाजारों की सीमाएं टूट रही हैं और किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी हो रही है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इन योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से राज्य में कृषि उत्पादों का मूल्य संवर्धन प्रसंस्करण और निर्यात में भी तेजी आएगी। इससे बिहार खाद्य प्रसंस्करण और कृषि आधारित उद्योगों के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

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