राज्य कृषि समाचार (State News)

न्यूनतम समर्थन मूल्य 2024: मध्य प्रदेश के किसानों के लिए सबसे कम लाभदायक फसलें

27 जून 2024, नई दिल्ली: न्यूनतम समर्थन मूल्य 2024: मध्य प्रदेश के किसानों के लिए सबसे कम लाभदायक फसलें – भारत सरकार ने विपणन सत्र 2024-25 के लिए खरीफ की प्रमुख फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को मंजूरी दे दी है। हालांकि, कुछ फसलों की एमएसपी वृद्धि अन्य फसलों की तुलना में कम रही है, जिससे वे किसानों के लिए कम लाभदायक साबित हो सकती हैं।

मध्य प्रदेश के किसानों के लिए धान (सामान्य), धान (ग्रेड ए), मक्का, बाजरा, ज्वार (हाइब्रिड), ज्वार (मालदंडी) फसलें ऐसी हैं जिनमें एमएसपी वृद्धि न्यूनतम रही है, मध्य प्रदेश के किसानों के लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि कौन सी फसलें कम लाभदायक हो सकती हैं ताकि वे अपनी खेती की योजनाओं को सही ढंग से निर्धारित कर सकें।

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इन फसलों के एमएसपी में कम वृद्धि के कई कारण हैं। धान की खेती में अधिक पानी की खपत होती है और सामान्य धान के निर्यात पर प्रतिबंध भी लगा हुआ है, जिससे इसकी कीमतें स्थिर रखने की जरूरत है। इसके अलावा, बाजरा और ज्वार की बाजार में मांग कम है और किसान इनका उत्पादन घरेलू उपयोग हेतु ज्यादा करते है, जबकि मक्का का उपयोग विभिन्न उपभोग्य और गैर-उपभोग्य उत्पादों जैसे पोल्ट्री फीड, स्नैक्स, पशुओं के चारे आदि में व्यापक रूप से होता है। सरकार वित्तीय संतुलन बनाए रखने और कीमतों में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए तिलहन और नकदी फसलों को बढ़ावा देना चाहती है। इस नीति का उद्देश्य विभिन्न फसलों की खेती को प्रोत्साहित करना और देश को दालों और नकदी फसलों के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना है।

विपणन सत्र 2024-25 के लिए सबसे कम लाभदायक खरीफ फसलों के एमएसपी में वृद्धि (रुपये प्रति क्विंटल)

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फसल2020-212021-222022-232023-24वृद्धि2024-25
धान (सामान्य)18681940204021831172300
धान   (ग्रेड ए)18881960206022031172320
मक्का18501870196220901352225
बाजरा21502250235025001252625
ज्वार हाइब्रिड26202738297031801913371
ज्वार मालदंडी26402758299032251963421

इन फसलों के उत्पादन की लागत को देखते हुए, एमएसपी में हुई यह वृद्धि उतनी पर्याप्त नहीं है, जिससे किसानों को उनकी फसल पर उचित लाभ मिल सके। धान और बाजरा जैसी प्रमुख फसलों में एमएसपी वृद्धि सिर्फ 117 से 125 रुपये प्रति क्विंटल ही हुई है, जो उत्पादन लागत के मुकाबले बहुत कम है।

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सरकार का मुख्य उद्देश्य इन फसलों के एमएसपी में कम वृद्धि कर अन्य फसलों को बढ़ावा देना है। तिलहन और दालों की एमएसपी में अधिक वृद्धि कर, सरकार इन फसलों की खेती को प्रोत्साहित करना चाहती है। इससे न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी बल्कि देश में इन फसलों के आयात को भी कम किया जा सकेगा।तिलहन और दालों की अधिक पैदावार से देश को आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी। इन फसलों के बढ़ते उत्पादन से देश के आयात पर निर्भरता कम होगी और विदेशी मुद्रा की बचत होगी।

सरकार ने इस वर्ष तिलहन और दालों के लिए एमएसपी में सबसे अधिक वृद्धि की है। नाइजरसीड के एमएसपी में 983 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है, जो इस वर्ष की सबसे बड़ी वृद्धि है। इसके बाद तिल के एमएसपी में 632 रुपये प्रति क्विंटल और तुअर/अरहर के एमएसपी में 550 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है।

मध्य प्रदेश के किसानों के लिए इन प्रमुख फसलों में कम एमएसपी वृद्धि का मतलब है कि उन्हें इन फसलों की खेती से अपेक्षित लाभ नहीं मिल पाएगा। इससे किसानों की आय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और वे अन्य फसलों की ओर रुख कर सकते हैं जिनमें एमएसपी वृद्धि अधिक है।

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